UIDAI का स्पष्टीकरण, गूगल-FB नहीं कुछ लोग आधार का फैला रहे डर

नई दिल्ली
UIDAI ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिसमें UIDAI के हवाले से कहा गया था कि गूगल नहीं चाहता की आधार सफल हो। बुधवार शाम इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए UIDAI ने कहा कि वे मीडिया रिपोर्ट्स जिसमें कहा गया है, UIDAI के वकील राकेश द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि गूगल आधार को सफल नहीं होने देना चाहता, वे गलत हैं। आधार जारी करने वाली एजेंसी ने कहा कि कुछ लोग ही हैं जो चाहते हैं कि आधार सफल न हो।

UIDAI ने ट्वीट कर कहा, ‘वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के बारे में बस यह कहा कि इन वेबसाइट्स और आधार में इन्फॉर्मेशन की प्रकृति काफी अलग है जिस कारण दोनों में तुलना नहीं की जा सकती।’ मीडिया रिपोर्ट्स में बुधवार सुबह यह दावा किया गया था कि राकेश द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच को बताया है कि यूरोप आधारित एक कमर्शल वेंचर की ओर से ऐसा अभियान चलाया गया कि आधार को स्मार्ट कार्ड की तरह नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स में राकेश द्विवेदी के हवाले से लिखा गया था, ‘यदि आधार सफल होता है, तो स्मार्ट कार्ड इस बिजनस से बाहर हो जाएगा। गूगल और स्मार्ट कार्ड लॉबी नहीं चाहते कि आधार को सफल किया जाए और यही कारण है कि उनकी ओर से आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।’
गूगल, स्मार्ट कार्ड लॉबी नहीं चाहती कि सफल हो आधार: UIDAI

स्पष्टीकरण में UIDAI ने कहा कि आधार केवल मैचिंग बायोमैट्रिक्स है, अन्य ग्लोबल कंपनियां डेटा ऐनालिसिस के लिए टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं। UIDAI कानूनी रूप से ऐसे किसी ऐनालिसिस नहीं कर सकती जो सर्विलांस के दायरे में आता हो।

UIDAI ने कहा कि कुछ लोगों का समूह ही है जो लोगों में काल्पनिक डर पैदा कर आधार को सफल नहीं होने देना चाहता है। UIDAI ने कहा, ‘कुछ लोग यह डर फैला रहे हैं कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जिस तरह डेटा ऐनालिटिक्स और लर्निंग टूल्स यूज करते हैं वैसा ही आधार भविष्य में कर सकता है।’

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