‘FDI के नियमों के तहत होगा वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा’

नई दिल्ली
वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट की बड़ी हिस्सेदारी खरीदे जाने पर सरकार का कहना है कि यह ऑनलाइन मार्केटप्लेस की नई नीति के तहत है जिसमें ऐमजॉन पहले से ही मौजूद है। आर्थिक सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘हम ऑनलाइन मार्केट में FDI को मंजूरी देते हैं। एक अमेरिकी कंपनी (वॉलमार्ट) भी इसी के तहत निवेश कर रही है। जैसे ऐमजॉन आ सकती है वैसे ही वॉलमार्ट भी।’

गर्ग की यह बात सरकार की तरफ से पहली आधिकारिक टिप्पणी है। इससे पहले नीति आयोग के थिंक टैंक वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा था कि यह डील FDI की नीति के तहत है। गर्ग ने कहा, ‘कुछ लोग प्लैटफॉर्म मॉडल में भी FDI का विरोध करते हैं। यह उनका विचार हो सकता है लेकिन यहां इस क्षेत्र में FDI को अनुमति है।’ ट्रेडर्स लॉबी ग्रुप कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और संघ के स्वदेशी जागरण मंच ने वॉलमार्ट की इस डील का विरोध किया है।

वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के 77 फीसदी शेयर खरीदने का फैसला किया है। इन संगठनों ने सरकार से सौदे को खारिज करने की मांग की है। उनका कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा रिटेलर भारत में अपने पांव पसारने के लिए फ्लिपकार्ट का इस्तेमाल कर रहा है। यह मल्टी ब्रैंड रीटेल पर रोक से बचने का तरीका है। गर्ग ने कहा कि वॉलमार्ट इस निवेश के जरिए कोई गलत काम नहीं कर पाएगा।

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