BHU में हुई मौंतों की जांच करेगी 3 डॉक्टर्स की टीम

इलाहाबाद
हाई कोर्ट इलाहाबाद ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि बीएचयू में हुई मौंतों की जांच प्रतिष्ठित डॉक्टर्स की उच्च स्तरीय कमिटी से कराई जाए। इस साल जून में सुंदर लाल हॉस्टपिटल में कई मरीजों की मौत हुई थी।

दो जस्टिस की बेंच ने बीते 22 अगस्त को आदेश दिया था कि छह हफ्ते के अंदर उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच कराए। हाई कोर्ट ने यह आदेश उस पीआईएल पर दी थी जिसमें कहा गया था कि बीएचयू में 20 से ज्यादा मरीजों की मौत सर्जरी के बाद हो गई। मरीजों ने दम इसलिए तोड़ा क्योंकि उन्हें गलत गैस लगा दी गई थी। इस पीआईएल में मरने वाले सभी 20 मरीजों के नाम भी लिखे गए थे।

कोर्ट ने कहा कि हालांकि इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी ने पूरे मामले की जांच के लिए एक कमिटी बनाई थी। जांच यूनिवर्सिटी के ही एक प्रफेसर को दी गई थी। मामला गंभीर है और इससे बहुत सारे लोगों का हित जुड़ा है। इसलिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक और प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया जाता है कि एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी बनाएं। इस कमिटी में तीन प्रतिष्ठित डॉक्टर्स को शामिल किया जाए। यह कमिटी सुंदर लाल हॉस्पिटल बीएचयू में जून 2017 में हुई मरीजों की मौत की जांच करेगी।

कोर्ट ने बीएचयू प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि इस मामले में कमिटी को सारे जरूरत के रेकॉर्ड उपलब्ध कराएं। आदेश में कहा गया है कि इस पूरे में कोर्ट की कड़ी नजर है। बीएचयू की ओर से कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की ओर से सुंदर लाला हॉस्पिटल में सारे प्रबंध किए गए हैं ताकि वहां इस तरह की घटना भविष्य में न हो।

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