देश के 100 जिलों को जोड़ने के लिए मोदी सरकार का प्रॉजेक्ट
| सीमावर्ती इलाकों और तटीय क्षेत्रों में सड़क की व्यवस्था सुधारने की योजना ‘सागर माला’ और ‘भारत माला’ के बाद एनडीए सरकार ने देश के 676 जिलों में से 100 जिलों के हेडक्वॉर्टर्स को विश्वस्तरीय हाइवे से जोड़ने की योजना को स्वीकृति दी है। ‘राष्ट्रीय राजमार्ग जिला संज्योक्ता परियोजना’ को बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रिव्यू मीटिंग में स्वीकृत किया। इस परियोजना के अंतर्गत 60 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6,600 किमी हाइवे का निर्माण होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘इस परियोजना के अंतर्गत देश के 100 जिलों के हेडक्वॉर्टर्स को जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण किया जाएगा।’ देश में तीसरी बार सत्ता में आई एनडीए सरकार विकास को गति देने के लिए सड़क परियोजनाओं, पुलों, रेल ओवरब्रिजों का बड़े स्तर पर निर्माण कराने जा रही है। यह सब ‘सेतु भारतम स्कीम’ के तहत किया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम के तहत नैशनल हाइवे पर 202 रेल ओवर ब्रिज, 150 पुल बनाए जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस वक्त देश में 8 हजार किमी/हर साल की रफ्तार से सड़कें बन रही हैं। इस तरह से, हम अगले वित्तीय वर्ष तक अपने टारगेट को हासिल कर लेंगे। बीते साल, सरकार 7,900 किमी हाइवे प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने में कामयाब रही, यह आंकड़ा 2013-14 में 3,170 किमी के दोगुने से भी ज्यादा है। हालांकि, इसमें सिर्फ 700 किमी की सड़क को ही पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत बनाया गया था। एक लाख करोड़ रुपए से भी अधिक के पूंजी निवेश वाली ‘सागर माला’ महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा एनडीए सरकार के जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। तब सागर माला परियोजना को जहाजरानी क्षेत्र के लिए एक वरदान कहा गया था। केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार ने हाल में चीन और नेपाल सीमा से सटे राज्यों में कमजोर सड़क नेटवर्क को मजबूती देने के लिए महत्वाकांक्षी ‘भारत माला’ परियोजना तैयार की है। इसके तहत उत्तराखंड के चीन और नेपाल से सटे संवेदनशील सीमांत इलाकों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
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