आम आदमी पार्टी में दरार: जानें, कौन है किसके साथ

नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी के अंदर के मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। बहुत से पार्टी नेता इसे विचारों में भिन्नता करार दे रहे हैं, मगर पार्टी साफ तौर पर दो खेमों में बंटी नजर आ रीह है। एक तो केजरीवाल समर्थक खेमा है और दूसरा है- केजरीवाल विरोधी खेमा। जानिए, आम आदमी पार्टी का कौन-कौन सा नेता, किस कैंप में है:

केजरीवाल विरोधी कैंप

प्रशांत भूषण: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन से प्रशांत भूषण खुश नहीं थे। अब उनका मानना है कि पार्टी व्यक्ति केंद्रित होती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं अन्य पार्टियों की तरह हाई कमान कल्चर को फॉलो नहीं कर सकता।’ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि केजरीवाल से साथ उनका संवाद टूट चुका है।

योगेंद्र यादव: पार्टी की भविष्य की रणनीति को लेकर योगेंद्र यादव के केजरीवाल से मतभेद हैं। प्रशांत भूषण के साथ लिखे जॉइंट लेटर में उन्होंने पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है। यादव ने यह भी कहा था चंदे को लेकर पार्टी ने कुछ जानकारियां छिपाई हैं।

शांति भूषण: आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने पार्टी को 1 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की सीएम कैंडिडेट किरन बेदी की तारीफ भी की थी। उन्होंने केजरीवाल केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘दागी’ पैसा लिया है और वोट खरीदने के लिए तैयार बैठे उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

ऐडमिरल एल रामदास: ऐडमिरल एल. रामदास आम आदमी पार्टी के आंतरिक लोकपाल हैं। वह एक ही शख्स द्वारा दो जिम्मेदारियां निभाए जाने के खिलाफ हैं। दरअसल वह केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ पार्टी के संयोजक बने रहने के पक्ष में नहीं हैं।

केजरीवाल समर्थक कैंप

मनीष सिसोदिया: दिल्ली के डेप्युटी सीएम हैं और उन्होंने आज तक हर कदम पर केजरीवाल का समर्थन किया है।

आशुतोष: वह दिल्ली यूनिट के संयोजक हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में कश्मीर में जनमत की वकालत करने वाले अल्ट्रा लेफ्ट (प्रशांत भूषण की तरफ इशारा) और यथार्थ पर आधारित राजनीति करने वाले विचारों के बीच की लड़ाई है।

संजय सिंह: आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि केजरीवाल को आम आदमी पार्टी के संयोजक पद से हटाने की कोशिशें की जा रही हैं।

दिलीप पांडे: आम आदमी पार्टी के सचिव हैं। उन्होंने मौजूदा विवाद को एक नेता और ‘अवसरवादियों के झुंड’ बीच की लड़ाई करार दिया है।

आशीष खेतान: खेतान का कहना है कि जो लोग ‘एक आदमी की पार्टी’ की वाहियात थिअरी फैला रहे हैं, वे खुद आम आदमी पार्टी को को एक परिवार की पार्टी बनाने की ताक में थे।

इंग्लिश में पढ़ें: Rift in AAP: Who stands where

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