मुलायम का बुलाया अधिवेशन असंवैधानिक

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नोएडा : लखनऊ में रविवार को हुए सपा के आपात सम्मेलन में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने, अमर सिंह को पार्टी से निकालने और शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने के बाद सपा में बंटवारा साफ दिखने लगा है। मुलायम सिंह ने जहां इस सम्मेलन को असंवैधानिक बताते हुए पांच जनवरी को सपा का अधिवेशन बुलाया है वहीं पार्टी से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने साफ कहा कि पांच जनवरी को बुलाया गया अधिवेशन ही असंवैधानिक है। उन्होंने एनबीटी से बातचीत में कहा कि अब अखिलेश यादव हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मुलायम सिंह पार्टी के संरक्षक व मार्गदर्शक।

सुरेंद्र नागर को अखिलेश का करीबी माना जाता है। उन्होंने कहा कि रविवार सुबह लखनऊ में हुए अधिवेशन के बाद 95 फीसदी कार्यकारिणी सदस्यों ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। पूरी प्रक्रिया संवैधानिक तरीके से हुई है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब जो भी पत्र नेताजी के नाम से जारी हो रहे हैं, उनका अमर सिंह और शिवपाल मिसयूज कर रहे हैं। यदि नेताजी (मुलायम सिंह) जी को कुछ कहना होगा तो वह खुद बोल सकते हैं। उनके नाम से पत्र जारी कर जनता को शिवपाल भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव का चुनाव हो चुका है तब पांच जनवरी को सम्मेलन बुलाना असंवैधानिक है। इसकी वजह यह है कि संवैधानिक तरीके से राष्ट्रीय अध्यक्ष का मनोनयन हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नरेश उत्तम की नियुक्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस समय शिवपाल यादव पार्टी में किसी पद पर नहीं है। विधानसभा चुनाव को लेकर जारी हुई प्रत्याशियों की सूची व पार्टी के स्थानीय संगठन में बदलाव के बारे में सुरेंद्र नागर ने कहा कि निश्चित रूप से जिले में प्रत्याशियों की सूची व संगठन में अखिलेश जरूर बदलाव करेंगे। यह आने वाले दिनों में नजर आएगा।

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