इस्तीफा देने के बाद बोलीं अंजू बॉबी जॉर्ज, खेल परिषद में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी
|विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने केरल खेल परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद अंजू ने कहा कि यह पीछे हटना नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ वह अपनी शिकायत लेकर विजिलेंस के पास जाएंगी।
गौरतलब है कि केरल के खेल मंत्री ई.पी जयराजन द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अंजू ने इस्तीफा दिया है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने नवभारत टाइम्स से बात करते हुए कहा कि उन्होंने परिषद की फाइलों में कई अनियमितताएं और भ्रष्टाचार को पकड़ा था। उन्होंने कहा कि सारी समस्याएं तब शुरू हुईं जब उन्होंने अनियमितताओं के खिलाफ एथिक्स कमिटी बनाने की कोशिश की।
कथित तौर पर झूठे आरोपों से आहत होकर इस्तीफा देने वाली अंजू ने कहा कि ‘आप खेल को मार सकते हैं, लेकिन खेल सितारे को हरा नहीं सकते।’ उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद कुछ बदलाव की उम्मीद तो थी लेकिन इतने बुरे बर्ताव की कल्पना भी नहीं की थी।
केरल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस समर्थित यूडीएफ को हार मिली थी और वाम मोर्चे वाली एलडीएफ की सरकार बनी है। अंजू के संबंध में खेल मंत्री जयरान ने कहा कि सरकार की तरफ से अंजू पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। इस संबंध में पूछे जाने पर अंजू ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए। साथ ही लोगों और मीडिया की तरफ से दबाव बनाना चाहिए।
अंजू ने कहा कि केरल स्पोर्ट्स में स्पोर्ट्स लॉटरी चलाकर अपराध किया जा रहा है। अंजू ने आरोप लगाया कि उनका मेल भी हैक कर लिया गया था। अंजू ने कहा कि संभवत: अधिकारियों को समझ में आ गया था कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाउंगी, इसीलिए उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया।
अंजू के भाई अजीत ने भी उनके साथ इस्तीफा दिया है। आरोप लगाया जा रहा था कि उनके भाई की नियुक्ति पीछे के दरवाजे से की गई है। अंजू ने इस संबंध में कहा कि उन्होंने अजीत को मिले 5 मेडलों के आधार पर उन्हें कोच बनाया था, न कि भाई होने के नाते।
अंजू बॉबी जॉर्ज के साथ खेल परिषद के 13 सदस्यों ने इस्तीफा दिया है। इनमें वालीबॉल खिलाड़ी टॉम जोस का भी इस्तीफा शामिल है।
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