मैंने श्रीकांत किदांबी जैसा बैडमिंटन खिलाड़ी बहुत कम देखे: पुलेला गोपीचंद

नई दिल्ली
अगर साल 2017 में भारतीय बैडमिंटन सबसे बेहतरीन रहा तो इसका सबसे अधिक श्रेय नैशनल कोच पुलेला गोपीचंद को जाता है। उन्होंने न केवल खिलाड़ियों की रैंकिंग में सुधार किया, बल्कि भारत की झोली में कई इंटरनैशनल मेडल भी डाले। इसमें सबसे खास रही किदांबी श्रीकांत की सफलता। उन्होंने 2017 में 4 सुपरसीरीज अपने नाम की। ऐसा करने वाले वह पहले इंडियन हैं। यही नहीं, वह वर्ल्ड नंबर वन की रैंकिंग पर भी पहुंचे। सोमवार को श्रीकांत और कोच पुलेला गोपीचंद टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑफिस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बीते साल 2017 और 2018 में आने वाली चुनौतियों के बारे में खुकलर बात की। ये रहे बातचीत के महत्वपूर्ण अंश…

सवाल: किदांबी, जब साल 2017 शुरू हुआ तो क्या आप जानते हैं कि ढेरों रेकॉर्ड बना देंगे?
जवाब: मेरे लिए 2017 की शुरुआत फिटनेस 100% पाने और कोर्ट पर वापसी करने के बारे में ज्यादा था। जब मैं 100 फिसदी फिट हो गया तब टूर्नमेंट जीतने के बारे में सोचना शुरू किया। सौभाग्य से, अकादमी में सभी कोच और सपॉर्ट स्टाफ की मदद से मैं ऐसा करने में कामयाब भी रहा। इसके लिए सभी को शुक्रिया अदा करता हूं।

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सवाल: आप किसे सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मानते हैं?
जवाब: अगर इंटरैनशनल लेवल की बात करें तो यहां टॉप 20-25 रैंकिंग तक सभी अच्छा कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जब मैं इनसे खेलूं तो 100% फिट रहूं। पिछले कुछ टूर्नमेंटों की बात करूं तो टॉप-20 से बाहर वाला खिलाड़ी भी फाइनल में पहुंचा। फ्रेंच ओपन के फाइनल में मेरी भिड़ंत क्वॉलीफायर खेलने वाले से हुई थी। यह पूरी तहर से खुली चुनौती की तरह है। किसी भी दिन कोई भी खिलाड़ी टॉप के प्लेयर्स को हरा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हर खिलाड़ी अपना 100 फिसदी दे।

सवाल: गोपीचंद, 2017 में श्रीकांत काफी सफल रहे। आप 2018 को कैसे देख रहे हैं?
जवाब: जैसा कि श्रीकांत ने बताया कि साल 2017 काफी सफल रहा, लेकिन कई बड़े टूर्नमेंट और कई महत्वपूर्ण इवेंट्स 2018 में होने हैं। मेरे लिए जरूरी यह है कि साल के बड़े 4 टूर्नमेंटों में हमारे शटलर कमाल करें। वह टूर्नमेंट हैं- ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेम्स। ये ऐसे टूर्नमेंट हैं, जहां परफॉर्मेंस काफी जरूरी होता है। मुझे विश्वास है कि 2017 में जैसा श्रीकांत ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, वैसा इस साल भी करने में सक्षम हैं।

सवाल: लिन डैन ने श्रीकांत को अब तक का सबसे बेहतर खिलाड़ी माना है। यह बड़ा कॉम्पलिमेंट हैं। आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: यह बड़ी बात है कि लिन डैन जैसे खिलाड़ी श्रीकांत की प्रशंसा कर रहे हैं। श्रीकांत को इसे बरकरार रखने की जरूरत है। लिन डैन ने जो कहा वह सही है। मैंने ऐसे खिलाड़ियों को बहुत कम देखा है, जिसके अंदर श्रीकांत जैसी क्षमता है। हर तरह की परिस्थिति में वह दुनिया के सबसे बेहतर खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्हें अपने खेल के स्तर को और ऊपर ले जाने की जरूरत है। खासकर स्ट्रेंथ और फिटनेस के मामले में। उनमें जो सबसे अच्छी क्वॉलिटी मैंने देखी है, वह है सभी परिस्थिति को अपनाने की। इसमें समय लगता है कि कोई खिलाड़ी दुनियाभर में सभी परिस्थितियों में अच्छा रिजल्ट दे, लेकिन उनकी उम्र में वह निश्चित रूप से सबसे अच्छी संभावनाओं वाले खिलाड़ी हैं।

सवाल: श्रीकांत, आप गोपी को कोच के रूप में कैसे परिभाषित करते हैं?
जवाब: वह सबसे बेहतर कोच हैं। वह भारतीय बैडमिंटन के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अगर उन्होंने कोचिंग शुरू नहीं की होती तो मुझे नहीं लगता है कि भारतीय बैडमिंटन यहां तक पहुंच पाता। इसका पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है।

सवाल: गोपी, आपके खिलाड़ियों ने पिछले 2 सालों में बुलंदियों को छुआ है। फिर भी आप लगातार खेल को बेहतर बनाने और प्रतिभा को तैयार करने के महत्व की बात करते हैं। भारतीय बैडमिंटन के इस स्वर्ण युग के बाद भी आप आराम से नहीं बैठ रहे हैं। यह कितना महत्वपूर्ण है?
जवाब: मेरी समझ से पिछले कुछ सालों में जो कुछ भी सफलता हमने पाई वह सबसे महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इतने के बावजूद हम अब भी एक सही सिस्टम बनाने में सक्षम नहीं हैं। शानदार प्रदर्शन करते रहना, खिलाड़ियों को तैयार करना, दीर्घकालिक दृष्टि, खेल का व्यवस्थित विकास… दुर्भाग्य से यह अब तक विकसित नहीं किया जा सका है। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस समस्या के हल के लिए हमें परिपक्वता और समझ को विकसित करने की जरूरत है।

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