7.5 फीसदी रहेगी भारत की विकास दर: फिच

मुंबई

देश के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर रखते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने सोमवार को मौजूदा वित्तवर्ष में विकास दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि आर्थिक माहौल में सुधार के बाद भी इसमें कमजोरी बनी रहेगी। वित्तवर्ष 2016-17 के लिए फिच ने आठ फीसदी विकास दर का अनुमान जताया।

फिच ने कहा,’संरचनागत सुधार को बेहतर संकेतक और उच्च विकास दर में बदलना वास्तविक कार्यान्वयन पर निर्भर करता है।’ फिच ने कहा कि सरकार संरचनागत सुधार के पथ पर भले ही आगे बढ़ रही है, लेकिन उसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे बड़े सुधार करने में राज्यसभा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

महंगाई के मोर्चे पर फिच ने कहा कि देश की महंगाई दर गत पांच वर्षों में औसत 7.9 फीसदी रही है, जबकि भारत के समान रेटिंग वाले कई अन्य देशों में औसत महंगाई दर 3.3 फीसदी रही है। इसके साथ ही इसने कहा कि बाहरी झटकों से भारत बेअसर नहीं रह सकता है, लेकिन कम चालू खाता घाटा और बेहतर विदेशी पूंजी भंडार से यह झटके झेल पाने में दूसरों से अधिक सक्षम है।

इसी के साथ फिच ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रवाह बेहतर हुआ है। इसने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में घरेलू खपत की अधिक भूमिका है तथा यह एशियाई आपूर्ति शृंखला का हिस्सा नहीं है।

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