18 अप्रैल को भीम आर्मी दिल्ली में देगी गिरफ्तारी, लगाया दलित युवकों के उत्पीड़न का आरोप

राजेश मिश्रा, नई दिल्ली
अनुसूचित जाति(एससी)-अनुसूचित जनजाति(एसटी) ऐक्ट में बदलाव के खिलाफ 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के नाम पर बेगुनाह दलितों की गिरफ्तारी का भीम आर्मी ने विरोध किया है। नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में शनिवार शाम को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने कहा कि बेगुनाह लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में भीम आर्मी के लोग 18 अप्रैल को संसद मार्ग थाने में गिरफ्तारी देंगे। उन्होंने हिंसा के मामले की जांच के लिए स्वतंत्र राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बनाने की मांग की।

विनय रतन ने कहा कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को आधार बनाकर, खासकर बीजेपी शासित राज्यों में दलितों का मनोबल तोड़ा जा रहा है। उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालत यह है कि बुजुर्गों तक को नहीं छोड़ा जा रहा है। रतन ने आगे कहा कि गाजियाबाद के 80 साल के बुजुर्ग श्रीराम हितैशी तक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी तरह अन्य जगहों पर भी ऐसे ही बेगुनाहों की गिरफ्तारी की जा रही है।

भीम आर्मी का आरोप है कि पुलिस रात के वक्त युवकों को उठाकर ले जाती है और थाने पर उनकी पिटाई की जाती है। रात में पुलिस घरों में दबिश दे रही है। महिलाओं और बच्चों के साथ भी बुरा बर्ताव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ दिल्ली में बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग जुटेंगे और गिरफ्तारी देंगे। इस गिरफ्तारी अभियान के लिए उन्होंने दलित समाज सहित सभी वर्गों से भी अपील की है। उनका कहना है कि 2 अप्रैल के भारत बंद की सफलता से घबराकर केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों की सरकार दलित युवकों का उत्पीड़न कर रही है।

विनय ने कहा कि यूपी सरकार ने हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं है, यह महज खानापूर्ति है। उनका कहना है कि मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन हो, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल हों। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण ने बेगुनाहों की गिरफ्तारी के विरोध में भूख हड़ताल शुरू की है। अभी वह एक वक्त का खाना खा रहे हैं। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो 18 अप्रैल से रावण दोनों वक्त का खाना छोड़कर भूख हड़ताल करेंगे।

उन्होंने बेगुनाहों की गिरफ्तारी के विरोध में आम लोगों से भी एक वक्त का खाना छोड़ने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे अपने सांसदों के घर जाएं और दलितों के उत्पीड़न के बारे में उन्हें बताएं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनय रतन के अलावा भीम आर्मी के एनसीआर प्रभारी बाला कांत, दिल्ली प्रभारी सुजीत सम्राट आदि मौजूद थे।

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