हौसले की कहानी: न दर्द की परवाह की, न हाथ से बहते खून की

सिर्फ बाएं हाथ से वह रायफल साध नहीं पाती थीं। असहनीय दर्द होता। हाथ से खून तक बहने लगता था। लेकिन मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा था।

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