हॉलीवुड की सबसे बोल्ड एक्ट्रेस रहीं जेन मेंसफील्ड:3 शादियां, कई अफेयर्स, अमेरिकन प्रेसीडेंट से भी संबंध रहे; 34 की उम्र में एक्सीडेंट से मौत

आज अनसुनी दास्तानें में कहानी एक ऐसी एक्ट्रेस की जिसे 50 और 60 के दशक में अपनी बेपनाह खूबसूरती की बदौलत ‘ग्लैमर गर्ल’ कहा जाता था। इनका नाम है जेन मेंसफील्ड। ये 50-60 के दशक में हॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री थीं। जेन का फिल्मी करियर छोटा जरुर था लेकिन वो सुपरस्टार थीं। हालांकि इसके लिए उन्होंने कई पापड़ बेले। कभी न्यूड आर्ट मॉडल बनीं तो कभी घर-घर जाकर किताबें बेचीं। यहां तक कि इन्होंने थिएटर में पॉपकॉर्न और कैंडी तक बेचने का काम किया लेकिन हार नहीं मानी। जेन की किस्मत पलटी 1955 में जब उन्हें मॉडलिंग करते हुए फेमस प्लेबॉय मैगजीन के कवर पेज पर छपने का मौका मिला। इनकी पर्सनल लाइफ भी उतार-चढ़ाव भरी रही। तीन शादियों से जेन के पांच बच्चे हुए। इन्हें मर्लिन मुनरो की प्रतिद्वंदी कहा जाता था। कई मायनों में इनकी लाइफ भी उन्हीं की तरह रही। यहां तक कि इनका नाम जॉन एफ केनेडी से भी जोड़ा गया लेकिन इनका अंत भी उन्हीं की तरह दर्दनाक रहा। 29 जून, 1967 को 34 साल की उम्र में जेन की एक भीषण कार हादसे में जान चली गई। उनकी तेज स्पीड कार एक ट्रक से टकरा गई थी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसा इतना भीषण था कि इनका सिर धड़ से अलग हो गया था। चलिए नजर डालते हैं जेन मेंसफील्ड की पूरी कहानी पर… तीन साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया जेन का जन्म 19 अप्रैल, 1933 को पेन्सिल्वेनिया में हुआ था। उनका असली नाम वेरा जेन पाल्मर था। 6 साल की उम्र तक जेन फिलिप्सबर्ग, न्यूजर्सी में रहीं। जब वो तीन साल की थीं तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया। 1936 में उनके पिता हर्बर्ट विलियम पाल्मर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके तीन साल बाद जेन की मां वेरा जेफ्री ने सेल्स इंजीनियर हैरी लॉरेंस पीअर्स से शादी कर ली और डलास, टेक्सास में शिफ्ट हो गईं। इन्हीं उतार-चढ़ावों के बीच जेन अपना बचपन जी रही थीं। वो कम उम्र में ही हॉलीवुड स्टार शर्ली टेम्पल से इतनी प्रभावित थीं कि उन्हीं के जैसी एक्ट्रेस बनना चाहती थीं। इसी वजह से 12 साल की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया। दसवीं पास करने के बाद उन्होंने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स बजाने की क्लासेस लीं। साथ ही उन्होंने स्पेनिश और जर्मन बोलनी भी सीख ली। जेन पढ़ाई में होशियार थीं और स्कूल की हर परीक्षा उन्होंने हाई ग्रेड्स में पास की। न्यूड आर्ट मॉडलिंग से लेकर किताब बेचने तक का काम किया स्कूल से निकलते ही जेन ने 6 मई, 1960 को पॉल मेंसफील्ड से शादी कर ली जिसके छह महीने बाद ही उनकी एक बेटी भी हो गई। जेन और उनके पति ने सदर्न मेथोदिष्ट यूनिवर्सिटी में एक्टिंग सीखने के लिए एडमिशन लिया। इसके बाद दोनों ऑस्टिन, टेक्सास शिफ्ट हो गए जहां उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी से ड्रामेटिक्स की पढ़ाई की। जेन ने इस दौरान खूब स्ट्रगल किया। उन्होंने न्यूड आर्ट मॉडल तक का काम किया। घर-घर जाकर किताबें भी बेचीं, रिसेप्सशनिस्ट के तौर पर एक डांस स्टूडियो में भी काम किया। 1953 में जेन वापस डलास आ गईं जहां उन्होंने डलास इंस्टीटयूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के फाउंडर सिडनी लुमेट से एक्टिंग सीखी। वो मेंसफील्ड को प्राइवेट सेशन दिया करते थे। 1954 में उन्हीं की मदद से जेन को पैरामाउंट में अपने पहले स्क्रीन टेस्ट का मौका मिला और वो लॉस एंजिलिस में शिफ्ट हो गईं। यहां भी उनका संघर्ष कम नहीं हुआ। कभी उन्होंने थिएटर में पॉपकॉर्न, कैंडी बेचे तो कभी डांस सिखाकर अपना पेट पाला। वो ब्लू बुक मॉडलिंग एजेंसी में पार्ट टाइम मॉडलिंग भी किया करती थीं। इसी दौरान मेंसफील्ड ने कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी हिस्सा लिया। कई फिल्मों के ऑडिशन भी दिए लेकिन नाकामी हाथ लगी। उन्हें अपना पहला एक्टिंग असाइनमेंट 1954 में एन एंजल वेंट AWOL में मिला जिसमें उन्हें चंद लाइन के डायलॉग बोलने के लिए 300 डॉलर की फीस मिली। प्लेबॉय मैगजीन ने बदली किस्मत मेंसफील्ड की किस्मत चमकी फरवरी 1955 में जब वो प्लेबॉय मैगजीन के कवर पर छपीं। उनकी बोल्ड तस्वीरें जब फरवरी एडिशन में छपीं तो हंगामा मच गया। मैगजीन का सर्कुलेशन रातों रात बढ़ गया जिससे मेंसफील्ड के करियर को काफी फायदा हुआ। अपने पहले हिट अपीयरेंस के बाद मेंसफील्ड प्लेबॉय की रेगुलर मॉडल बन गईं और 1955 से 1960 तक उनकी कई तस्वीरें मैगजीन ने छापी। मैगजीन पर मर्लिन मुनरो, बेट्टी पेज और अनीता एकबर्ग जैसी उस जमाने की टॉप एक्ट्रेसेस की बोल्ड तस्वीरें भी छपl करती थीं। इस हाईप्रोफाइल मैगजीन के कवर पेज पर छपकर जेन सबकी नजरों में आ गईं। उन्हें हॉलीवुड से फिल्मों के ऑफर मिलने लगे जिसके वो इंतजार में थीं। उन्हें 1955 में फिल्म फीमेल जंगल से डेब्यू करने का मौका मिला जिसमें उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाया। इसके बाद वो वार्नर ब्रदर्स की एक कोर्टरूम ड्रामा फिल्म ‘इलीगल’ में छोटा लेकिन प्रभावशाली रोल करती नजर आईं। मर्लिन मुनरो की प्रतिद्वंदी बनकर उभरीं मेंसफील्ड को फिल्ममेकर्स हाथों हाथ लेने लगे और कई बड़ी प्रोडक्शन कंपनियों ने उनके साथ फिल्म के छह साल के कॉन्ट्रैक्ट तक कर लिए। उन्हें हॉलीवुड में मर्लिन मुनरो की उत्तराधिकारी और उनकी प्रतिद्वंदी के तौर पर पिच किया जाने लगा। 1956 में रिलीज हुई फिल्म ‘द गर्ल कांट हेल्प इट’ उनकी सबसे बड़ी सक्सेसफुल फिल्मों में से एक रही। इस तरह वो सक्सेस पाते हुए हॉलीवुड में बुलंदियों पर जा पहुंचीं। मेंसफील्ड पब्लिसिटी के लिए कुछ भी कर सकती थीं। इसके लिए उन्होंने अपनी सारी प्राइवेसी ताक पर लगा दी थी। उनके दरवाजे हॉलीवुड फोटोग्राफर्स के लिए हमेशा खुले रहते थे। यही वजह है कि सितंबर 1956 से मई 1957 तक उनकी न्यूजपेपर्स में 2500 से ज्यादा तस्वीरें छप चुकी थीं। जबरदस्त पब्लिसिटी के दम पर जेन ने इंटरनेशनल सेलिब्रिटी का दर्जा पा लिया था। तीन शादियां कीं, पांच बच्चों की मां बनीं जेन ने निजी जिंदगी में खूब उतार-चढ़ाव झेले। 17 साल की उम्र में जब वो प्रेग्नेंट हो गईं तो उन्हें आनन-फानन में बॉयफ्रेंड पॉल मेंसफील्ड से शादी करनी पड़ी। पॉल को लगा था कि मां बनने के बाद जेन का एक्टिंग में इंटरेस्ट कम हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों के रिश्ते में तब कड़वाहट आ गई जब जेन ने प्लेबॉय मैगजीन के लिए बोल्ड फोटोशूट करवाया। इससे नाराज होकर पॉल ने बेटी मैरी की कस्टडी कोर्ट से मांगी और जेन को अयोग्य मां कहा। 1958 में दोनों का तलाक तो हो गया लेकिन बेटी की कस्टडी जेन के पास ही रही। साथ ही उन्होंने अपने नाम से मेंसफील्ड सरनेम हटाने से भी इनकार कर दिया। 1958 में ही मेंसफील्ड ने एक्टर और बॉडी बिल्डर मिकी हर्गिते से शादी कर ली। तीनों के तीन बच्चे हुए और इन्होंने कई फिल्मों में साथ काम भी किया। 1964 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद जेन फिल्म डायरेक्टर मेट किम्बर के प्यार में पड़ गईं। दोनों ने 24 सितंबर 1964 को शादी की और 20 जुलाई, 1966 को इनका तलाक हो गया। दोनों का एक बेटा था। इस तरह तीन शादियों से जेन ने पांच बच्चों को जन्म दिया। तीन शादियों के अलावा भी उनके अनगिनत अफेयर्स की खबरें सामने आईं। इनमें से जेन का सबसे चर्चित अफेयर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के साथ रहा। 1968 में हॉलीवुड पब्लिसिस्ट गिल्ड ने इनके नाम पर ‘जेन मेंसफील्ड अवॉर्ड’ की शुरुआत की। ये अवॉर्ड पूरे साल सबसे ज्यादा पब्लिसिटी पाने वाली एक्ट्रेस को दिया जाता है। एक्सीडेंट में गई जान, धड़ से अलग हो गया था सिर 1962 में जब मर्लिन मुनरो की मौत की खबर मेंसफील्ड को लगी तो उनके मुंह से निकला, शायद अगला मेरा नंबर है। फिर ठीक पांच साल बाद 1967 में 29 जून की तड़के सुबह जेन मेंसफील्ड ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वो मिसीसिपी से न्यू ऑर्लेंस जा रही थीं। देर रात को एक नाइट क्लब में परफॉर्म करने के बाद जेन न्यू ऑर्लेंस के लिए निकली थीं जहां उन्हें अगले दिन टेलीविजन पर परफॉर्म करना था। रास्ता लंबा था। जेन ड्राइवर रोनाल्ड बी हैरिसन और बॉयफ्रेंड सैमुअल एस. ब्रूडी के साथ फ्रंट सीट पर बैठी थीं जबकि उनके तीनों बच्चे बैकसीट पर सो रहे थे। रात दो बजे के आसपास उनकी कार ट्रेलर ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई। इस भीषण कार हादसे में फ्रंट सीट पर बैठे तीन लोगों की मौके पर ही जान चली गई जिनमें से एक जेन थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये दुर्घटना इतनी भीषण थी कि जेन का सिर धड़ से अलग हो गया था। बाद में पुलिस की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ था कि जेन के सिर का हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया था और उनके डेथ सर्टिफिकेट में भी ये बात लिखी गई थी। उनकी इतनी वीभत्स मौत से प्रेरित होकर 1996 में एक फिल्म ‘क्रैश’ भी रिलीज हुई थी। जेन की एक बेटी मारिस्का हर्गिते ने सालों बाद अपनी मां को याद करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मेरी मां बेहद सुंदर, बेहतरीन और ग्लैमरस सेक्स सिंबल थीं। वो वक्त से कहीं आगे थीं। वो प्रेरणा थीं और उनमें जिंदगी जीने की भूख थी’। मारिस्का उस एक्सीडेंट में बाल-बाल बची थीं जिसमें जेन की जान गई थी। वो उन तीन बच्चों में से एक थीं जो कार की बैकसीट पर सो रहे थे। मारिस्का भी मां की तरह एक्टिंग फील्ड से जुड़ीं और उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर: SVU में ओलिविया बेंसन का रोल निभाकर वाहवाही बटोरी थी। फिल्मों और सितारों की ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए- एक सरकारी नियम के कारण छोड़नी पड़ीं फिल्में, राजनीति में आए तो छोड़ीं दो पार्टियां के. शिवरामू। पूरा नाम शिवरामू केम्पैया। आज अनसुनी दास्तानें में कहानी इन्हीं की है। ये इंडियन सिनेमा के पहले एक्टर हैं जो IAS थे। जी हां, इनका नाम इतिहास में दर्ज है क्योंकि ये कन्नड़ भाषा में UPSC क्रैक करने वाले पहले व्यक्ति थे। पूरी स्टोरी पढ़ें… वीराना एक्ट्रेस पर थीं अंडरवर्ल्ड की नजरें:11 की उम्र में हीरोइन बनीं, 1988 में हुईं लापता, 35 साल से गुमनाम जिंदगी सवालों में साल 1988 की कल्ट क्लासिक फिल्म ‘वीराना’ का जिक्र हर किसी ने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। ये हॉरर फिल्म लीड एक्ट्रेस जैस्मिन धुन्ना की खूबसूरती और बोल्डनेस के चलते सुर्खियों में रही थी। किसी गुड़िया की तरह खूबसूरत गहरी आंखों वालीं जैस्मिन ने फिल्म में भूत बनकर लोगों का ध्यान खींचा था, लेकिन यही खूबसूरती उनकी गुमनामी और कई सवालों का कारण बनी। कहा जाता है कि उनकी खूबसूरती से मोहित होकर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें हासिल करना चाहता था। जैस्मिन को लगातार अंडरवर्ल्ड से धमकी भरे कॉल आते थे और इसी बीच वो अचानक गुमशुदा हो गईं। 35 साल से उन्हें किसी ने देखा तक नहीं। वो कहां हैं और किस हाल में हैं…आगे पढ़िए…

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