स्कूल में कमर्शल टैक्स का छापा, बिकती मिली किताबें

कानपुर
सिटी के वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल, कैंट में गुरुवार को कमर्शल टैक्स की टीम ने छापा मारा। इस दौरान यहां किताबों के नाम पर कॉपियां बिकती मिलीं। इन पर दाम भी प्रिंट नहीं थे। SIB के डिप्टी कमिश्नर केशव लाल के अनुसार, स्कूल की मिलीभगत से प्राइवेट फर्म बिना रजिस्ट्रेशन कैंपस में किताब बेच रही थी। सारा स्टॉक सीज कर दिया गया है। वहीं प्रिंसिपल सुषमा मंडल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

कानपुर के स्कूलों में बिक रही स्टेशनरी और यूनिफॉर्म के खिलाफ पैरंट्स लगातार आंदोलन कर रहे हैं। एक शिकायत पर गुरुवार को व्यापार कर की विशेष जांच टीम (SIB) वीरेंद्र स्वरूप स्कूल पहुंची। लाल ने बताया कि यहां जांच के दौरान कैंपस में ही कॉपी-किताबें बिकती मिलीं। टैक्स बचाने के लिए कॉपियों को किताब बताकर बेचा जा रहा था। फ्रंट कवर पर कॉपियों को एक्सर्साइज बुक लिखकर बिक्री हो रही थी। बुक कॉर्नर नाम की फर्म सिविल लाइंस में रजिस्टर्ड है। फर्म का दावा था कि उसकी न कोई ब्रांच है और न कोई अन्य स्टॉक।

कमिटी में प्रतिनिधित्व की मांग
दूसरी तरफ कानपुर प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों से पिछले तीन साल का आय-व्यय का हिसाब मांगा है। डीआईओएस विनय मोहन वन के अनुसार, स्कूलों को बिजनेस नहीं करने दिया जाएगा। इनकम टैक्स रिटर्न की भी जानकारी मांगी गई है। तीन शिकायतें आई हैं। अभिभावक शिकायत कर सकते हैं। वहीं कानपुर के पैरंट्स की तरफ से हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने वाले वकील प्रकाश प्रियदर्शी के अनुसार, प्रशासन की कमिटी में पैरंट्स को भी जगह मिलनी चाहिए। इसके बिना उद्देश्य अधूरा रहेगा।

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