सोशल मीडिया पर वायरल भारत बंद की अपील

18 अप्रैल, फिर 20 और अब 29 को बंद का मैसेज वायरल

संदेश ऐसा कि मुस्लिम करा रहे बंद, संगठनों ने नकारा

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मेरठ : दो अप्रैल को दलित आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद लगातार दूसरे बंद की खबरें सोशल मीडिया पर तैरने लगी हैं। 10 अप्रैल को दलित हिंसा के खिलाफ भारत बंद का सोशल मीडिया पर छिड़ा अभियान अफवाह साबित हुआ था, अब जम्मू की रेप पीड़िता बच्ची के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर भारत बंद की अपील वायरल की जा रही है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि तीन दिन के भीतर बंद की तीन तारीखों 18, 20 और 29 अप्रैल का वायरल किया जा चुका है।

अभी इन संदेशों की असलियत का पता सरकारी मशीनरी नहीं लगा पाई थी कि जस्टिस फॉर आसिफा और रेपिस्टों को फांसी की मांग को लेकर अब एक नया मैसेज वायरल किया जा रहा है कि इस मुद्दे पर 29 अप्रैल को बंद रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलेमा ए हिन्द, जमीअत अहले हदीस, जमीअत इस्लामी हिंद, मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन, मुस्लिम लीग समेत तमाम जमीअत और तंज़ीम से संपर्क किया लेकिन सभी ने भारत बंद की जानकारी होने से इनकार किया है। खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक किसी भी मुस्लिम संगठन ने बंद नहीं बुलाया है। संगठनों ने इसे कुछ सिरफिरे लोगों का दुष्प्रचार बताया है। बुधवार या 20 और 29 को भारत बंद नहीं होगा।

मुस्लिमों की तरफ से भी मैसेज

मुस्लिम संगठनों की तरफ से जारी संदेशों में कहा जा रहा है कि भारत बंद का मैसेज एक साजिश है। इस्लामी मदरसा संचालक और इमाम कारी अफ्फान कासमी ने भी बंद की बाबत सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज को गलत और साजिश बताया।

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