सुलह के बाद बदल सकते हैं वेस्ट में टिकट
|विशेष संवाददाता, मेरठ
मेरठ : पिता-पुत्र के बीच खटास दूर होने के बाद सपा के उम्मीदवारों की जारी होने वाली संभावित नई लिस्ट में कई नाम चेंज हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पिता-चाचा के चहेतों की जगह अखिलेश अपने वफादारों को जगह देने का काम कर सकते हैं। दरअसल, अपनी तरफ से जारी की गई लिस्ट में उन्होंने इन वफादारों के नाम शामिल किए थे।
माना जा रहा है कि जब भी आम सहमति से नई लिस्ट बनेगी, तब अखिलेश की लिस्ट में शामिल रहे नामों को तरजीह मिलेगी। ऐसे में मेरठ की सरधना सीट से अतुल प्रधान को टिकट दिला सकते हैं। मेरठ सिटी से चाचा रामगोपाल के खास रफीक अंसारी उनकी पसंद बने रहेंगे, इसकी उम्मीद ज्यादा है। सहारनपुर के नकुड़ से तब्बसुम हसन, मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा से नवाब जान खान, मुरादाबाद ग्रामीण से शमीमुल हसन, मुरादाबाद नगर विधायक युसुफ हसन, संभल के बिलारी से विधायक फहीम इरफान को, अमरोहा के धनौरा से जगराम सिंह को, नौगावां सादात से विधायक अशफाक खां को, हसनपुर से विधायक और मंत्री कमाल अख्तर की टिकट की लाटरी खुल सकती है। अखिलेश के इन करीबियों के समर्थक भी अब उत्साहित हैं।
बीजेपी बोली ड्रामा
बीजेपी के नेता इस पारिवारिक जंग को पहले से तय होने की बात होने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह का मानना है कि सीएम अखिलेश मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं। सत्यपाल सिंह का कहना है कि एसपी से गुंडे तत्व निकल रहे हैं, अखिलेश मजबूत नेता के तौर पर सामने आ रहे हैं। शामली के विधायक सुरेश राणा का कहना है कि सब तय स्क्रिप्ट के तहत है। अगर अखिलेश को सख्ती दिखानी थी तब मथुरा के जवाहरकांड पर शिवपाल के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए था। साथ ही उनका कहना था कि अखिलेश सपा में बतौर नेता सामने आए हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि अब तो साफ हो गया कि सपा में सारा फैमिली ड्रामा चल रहा था। वहीं, सपा के जिलाध्यक्ष दिनेश गुर्जर का कहना है कि विवाद निपटने से बीजेपी और बीएसपी घबरा गई हैं। कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर का कहना है कि अखिलेश सपा के निर्विवाद चेहरा हैं।
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