सीएनजी घोटाला : ‘आप’ ने उठाए बीजेपी पर सवाल

नई दिल्ली

सीएनजी फिटनेस स्कैम की जांच के लिए कमिशन का गठन करने के दिल्ली सरकार के फैसले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।

पार्टी ने इसे आपसी हितों के टकराव का नतीजा बताते हुए कहा है कि शुक्रवार को जिस तरह दिल्ली के उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में लिए गए फैसले को सार्वजनिक करते हुए दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को गैरकानूनी और अवैध करार दिया, उससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष के मुताबिक, आम आदमी पार्टी का यह मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार के साथ सीधे तौर पर समझौता करने जैसा है। इसके जरिए केंद्र सरकार कहीं न कहीं दिल्ली के उपराज्यपाल को बचाना चाहती है, जिनकी इस मामले में भूमिका संदिग्ध रही है। पार्टी ने कहा है कि यह बात समझ से परे है कि आखिर मोदी सरकार करोड़ों रुपये के इस घोटाले को क्यों दबाना चाहती है, जबकि इस मामले में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार के कार्यकाल के कई वरिष्ठ ब्यूरोक्रैट जांच के दायरे में हैं।

पार्टी ने इस मामले में एलजी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एलजी ने इस मामले में दो प्रमुख एजेंसियों एंटी करप्शन ब्रांच और सीबीआई की जांच में सामने आए तथ्यों को भी सिरे से नजरअंदाज कर दिया, जबकि उन्हें सीएनजी फिटनेस स्कैम से जुड़े किसी भी मामले से खुद को दूर रखना चाहिए था। ऐसे में गृह मंत्रालय के द्वारा इस मामले में लिए गए फैसले के बारे में सार्वजनिक रूप से उनके बयान देने से इस मामले में कहीं न कहीं साजिश की आशंका नजर आती है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या उसने सीबीआई द्वारा एलजी के खिलाफ की गई गंभीर टिप्पणियों पर कोई संज्ञान लिया?

आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और एलजी को चुनौती दी है कि वह यह बताएं कि उन्होंने किस आधार पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार के द्वारा इस मामले में लिए गए फैसले में हस्तक्षेप किया, जबकि दिल्ली सरकार को इस मामले में फैसला करने का पूरा अधिकार है। पार्टी ने गृह मंत्रालय से भी पूछा है कि संविधान के किस प्रावधान और कानून के किस रूल के तहत उसने यह अनुचित फैसला लिया।

आप नेताओं के मुताबिक इससे यह भी साफ हो गया है कि केंद्र सरकार कांग्रेस के द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर अपॉइंट और नॉमिनेट किए गए उन लोगों को अब भी उन पदों पर रखना चाहती है, ताकि दिल्ली सरकार के काम में अड़चनें डाली जा सकें।

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Navbharat Times