सानिया को खेल रत्न दिए जाने की आलोचना नहीं की: पंकज आडवाणी

नई दिल्ली

राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को लेकर अपनी टिप्पणी को गलत तरह से पेश किए जाने के कारण आहत स्टार क्यूइस्ट पंकज आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी किसी खिलाड़ी का उपहास नहीं उड़ाया था। उन्होंने कहा कि सानिया मिर्जा को खेल रत्न दिए जाने को लेकर उनकी आलोचनात्मक टिप्पणी कुछ नहीं बल्कि किसी के दिमाग की उपज है। खबरों के अनुसार अर्जुन पुरस्कार की सूची में क्यूइस्ट को जगह नहीं मिलने पर आडवाणी ने सानिया को खेल रत्न देने पर सरकार की आलोचना की थी लेकिन 13 बार के विश्व चैंपियन आडवाणी ने कहा कि उनकी टिप्पणी को पूरी तरह से गलत पेश किया गया।

उन्होंने कहा, ‘मैंने अर्जुन पुरस्कार और पुरस्कारों को लेकर पूरी चयन प्रक्रिया के बारे जो कुछ कहा उसे पूरी तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। खेल रत्न पुरस्कार विजेता होने के कारण मैं कभी ऐसे खिलाड़ी के लिए गलत नहीं कहना चाहूंगा जिसे पिछले कई वर्षों से अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए अभी यह पुरस्कार मिला हो।’

आडवाणी ने 2004 में अर्जुन और 2006 में खेल रत्न पुरस्कार हासिल किया था। उन्होंने कहा, ‘सानिया ने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया है और वह भी उसी समय लगभग दस साल पहले अंतरराष्ट्रीय सर्किट में आई थीं जबकि मैंने इसमें प्रवेश किया था। मैं मीडिया के कुछ वर्गों से कहना चाहूंगा कि वे मेरे बयान या टिप्पणी में अपनी बात जोड़ने से बचें क्योंकि इससे किसी की छवि और खेल को नुकसान पहुंचता है।’

मशहूर क्यूइस्ट विद्या पिल्लई, चित्रा मागिमैराज और सौरव कोठारी को इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिये नहीं चुना गया और आडवाणी ने कहा कि वह सिर्फ यह कहना चाहते थे कि इन सम्मान के लिए खिलाडि़यों की चयन प्रक्रिया तर्कसंगत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी बात केवल अर्जुन पुरस्कार को लेकर की थी क्योंकि क्यू खिलाडियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था और मुझे हैरानी हुई कि उनमें कोई भी इस साल अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में शामिल नहीं था। किसी एक खेल के लिये जिन दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है, क्यू खिलाडियों के लिये वैसा नहीं हो रहा है. मैं यह जज करने वाला कौन हूं कि किसे पुरस्कार मिलना चाहिए और किसे नहीं।’

आडवाणी ने कहा, ‘मैं यह कह रहा हूं कि यदि कोई खास दिशानिर्देश या नीति है तो यह सभी के एक समान होनी चाहिए। मैं सरकार की आलोचना नहीं कर रहा था। लोग कह रहे कि मैं सरकार की आलोचना कर रहा हूं कि या किसी खिलाड़ी की आलोचना कर रहा हूं। मेरा मतलब है कि मैं कौन हूं। असल में खिलाड़ियों के प्रति मेरे दिल में बहुत सम्मान है।’ उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी होने के नाते मैं जानता हूं कि शीर्ष पर पहुंचने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। मैं यह भी जानता हूं कि सरकार भी लंबे समय से हमारी मदद कर रही है। हां कुछ चीजें है। यदि कुछ खिलाड़ियों के लिए नीतियों का अनुसरण किया जा रहा है तो मेरा सरकार से आग्रह है कि सभी खिलाड़ियों के लिए समान रूप से इसका पालन किया जाना चाहिए।’

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