साइरस मिस्त्री ने खो दिया था नेतृत्व करने का विश्वास: रतन टाटा

मुंबई
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच बुधवार को जुबानी जंग और तेज हो गई। ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने समूह की कंपनियों के शेयरधारकों से कहा कि उनके निदेशक मंडल में साइरस मिस्त्री का बने रहना खलल पैदा करने वाला होगा। इससे कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है। रतन टाटा ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब समूह की छह प्रमुख कपंनियों के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठकें होने वाली हैं, जिनमें मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा।

टाटा संस के चेयरमैन पद से मिस्त्री को अक्तूबर में अचानक हटा दिया गया था और उनकी जगह पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को अंतरिम चेयमैन बनाया गया है। रतन टाटा ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के लिए टाटा संस द्वारा लाए गए विशेष प्रस्ताव पर शेयरधारकों से समर्थन मांगा है। इसमें टाटा ने कहा है कि मिस्त्री ने टाटा संस और टाटा समूह का नेतृत्व करने का विश्वास खो दिया था, इसलिए उन्हें चेयरमैन के पद से हटाया गया।

उन्होंने कहा है कि टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को हटाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनके साथ रिश्ते खराब होते जा रहे थे। इनको ठीक करने के प्रयासों को नजरअंदाज किया गया। रतन टाटा ने कहा है कि मिस्त्री को समूह की विभिन्न कंपनियों में निदेशक केवल इसीलिए बनाया गया था क्योंकि वे टाटा संस के चेयरमैन हैं। उन्होंने कहा, ‘उनके लिए सही कदम यही होता कि वे निदेशक पद से इस्तीफा दे देते।’

मिस्त्री का जवाब, सच नहीं बोल रहे रतन टाटा
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा सच नहीं बोल रहे हैं। मिस्त्री का यह बयान रतन टाटा के उस पत्र के संदर्भ में आया है जो उन्होंने शेयरधारकों को लिखा। इसके जवाब में मिस्त्री खेमे ने इसका भी खंडन किया है कि मिस्त्री को हटाने से पहले उनसे बातचीत के प्रयास किए गए थे।

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