सरकार ने नागर विमानन प्राधिकार का प्रस्ताव खारिज किया

नयी दिल्ली, 10 जून :भाषा: नागर विमानन प्राधिकार की स्थापना को लगभग खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि उन्हें नियामक का सिर्फ नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं दिखती।

संप्रग सरकार ने नागर विमानन महानिदेशालय :डीजीसीए: की जगह नागर विमानन प्राधिकार :सीसीए: बनाने का प्रस्ताव किया था जिसे पूरी परिचालनत्मक और वित्तीय स्वायत्तता देने का प्रावधान था ताकि नियामक को अधिकार हों।

नागर विमानन मंत्री ने कहा, सीएए की जरूरत क्या है? सिर्फ नाम बदलने से कौन सा उद्देश्य पूरा होगा? मुझे डीजीसीए की जगह नयी संस्था की जरूरत नहीं दिखती।

राजू ने हालांकि स्वीकार किया कि डीजीसीए के काम-काज में अपारदर्शिता है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के हित में संस्था में और पारदर्शिता लाई जाएगी।

मंत्री ने कहा कि डीजीसीए को ज्यादा उत्तरदायी और अर्थपूर्ण संस्था बनाने की उल्लेखनीय योजना तैयार की जा रही है जिसके संप्रग सरकार के दौरान सुरक्षा के आधार पर कई पदावन्नति का सामना करना पड़ा था।

डीजीसीए 18 प्रमुख सेवाओं को पूरी तरह आनलाईन बनाने का प्रयास कर रहा है जिनमें ई-जीसीए :नागर विमानन में ई-गवर्नेंंस: परियोजना के अंग के तौर पर इस महीने पायलटों को लाइसेंस प्रदान करन व सुरक्षा प्रक्रिया में मंजूरी शामिल है।

राजू ने पीटीआई-भाषा से कहा, डीजीसीए में और पारदर्शिता की जरूरत है। चीजों को और पारदर्शी होना चाहिए और अपारदर्शिता को खत्म करना होगा ताकि व्यवस्था ज्यादा जिम्मेदार और कामकाजी बने।

उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि विश्व भर में विशेष तौर पर ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर मार्च में हुए आतंकी हमलों के बाद विमानन सुरक्षा को खतरा बढा है।

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