सरकार की सलाह पर आरबीआई बोर्ड ने की नोटबंदी की सिफारिश: केंद्रीय बैंक ने संसदीय समिति को बताया

नयी दिल्ली, 10 जनवरी :भाषा: नोटबंदी पर रिजर्व बैंक द्वारा संसद की एक समिति को भेजे पत्र में कहा गया है कि यह सरकार थी जिसने उसे 7 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की सलाह दी थी। कंेद्रीय बैंक के बोर्ड ने इसके अगले दिन ही नोटबंदी की सिफारिश की।

रिजर्व बैंक ने संसद की विभाग संबंधी वित्त समिति को भेजे सात पृष्ठ के नोट मंे कहा है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को 7 नवंबर, 2016 को सलाह दी थी कि जाली नोट, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा कालेधन, इन तीन समस्याओं से निपटने के लिए कंेद्रीय बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल को 500 और 1,000 के उंचे मूल्य वाले नोटांे को बंद करने पर विचार करना चाहिए। संसदीय समिति के अध्यक्ष प्रमुख कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली हैं।

रिजर्व बैंक के कंेद्रीय बोर्ड की अगले दिन ही इस सलाह पर विचार करने के लिए बैठक हुई। विचार विमर्श के बाद कंेद्र सरकार से यह सिफारिश करने का फैसला किया गया कि 500 और 1,000 के नोटांे को चलन से बाहर कर दिया जाए।

इस सिफारिश के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी की अध्यक्षता मंे हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक मंे नोटबंदी का फैसला किया गया। कुछ मंत्री अभी तक यह कहते रहे हैं कि सरकार ने नोटबंदी का फैसला रिजर्व बैंक की सिफारिश पर किया था।

समिति को भेजे नोट में रिजर्व बैंक ने कहा कि पिछले कुछ साल से वह नई श्रृंखला के बैंक नोटांे मंे सुधरे हुए सुरक्षा फीचर्स जोड़ने पर काम कर रहा है जिससे इनकी नकल न की जा सके। वहीं दूसरी ओर सरकार कालेधन तथा आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठा रही है।

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