संसदीय सचिव मामले पर चुनाव आयोग में आज होगी सुनवाई

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

लाभ के पद को लेकर आम आदमी पार्टी के 21 विधायक जिन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था उनकी सदस्यता रद्द होने के मसले पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई होगी। कहा जा रहा है कि आज फाइनल सुनवाई है, जिसके बाद सदस्यता का मसला राष्ट्रपति के पास चला जाएगा। वैसे संभावना इस बात की भी जताई जा रही है आयोग में चल रही मैराथन सुनवाई अभी खत्म न हो और विधायकों के वकील इसे आगे के लिए टाल दें। वैसे सरकार का कहना है कि आयोग के निर्णय को लेकर वह चिंतित नहीं है, क्योंकि उनके पास कोर्ट में जाने का भी अधिकार है।

चुनाव आयोग करीब एक साल से 21 विधायकों की सदस्यता को लेकर सुनवाई कर रहा है। 15 नवंबर को भी आयोग ने सुनवाई की थी, जिसमें इस मसले को राष्ट्रपति तक ले जाने वाले युवा वकील प्रशांत पटेल की विधायकों के वकीलों से खासी तकरार हुई थी, जिसके बाद मामला टाल दिया गया और आयोग की तरफ से कहा गया कि वह 22 नवंबर की दोपहर बाद फाइनल सुनवाई करेगा। उसके बाद विधायकों की सदस्यता के बाबत रिपोर्ट तैयार होगी।

सूत्र बताते हैं कि आज विधायकों की ओर से करीब एक दर्जन वकील आयोग के सामने पक्ष रखने के लिए पेश होंगे। इसके अलावा विपक्ष में पटेल के अलावा सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील प्रवीण पारीख विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए तर्क पेश करेंगे। अगर आज की बहस ‘शांतिपूर्वक’ निपट गई तो आयोग फाइनल रिपोर्ट लिखने की तैयारी शुरू कर देगा। लेकिन माना यह भी जा रहा है कि आज शायद फिर से हंगामा हो और मामला आगे के लिए टल जाए।

दरअसल, सरकारी वकीलों का पक्ष यह है कि जब पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट विधायकों को संसदीय सचिव बनाने का पद खारिज कर चुका है, ऐसे में उनकी सदस्यता कैसे रद्द की जा सकती है। अगर इस तर्क को आयोग ने मान लिया तो सुनवाई एक बार फिर से टल सकती है। सूत्र बताते हैं कि आज मामला निपट गया तो आयोग विधायकों की सदस्यता को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें बताया जाएगा कि विधायकों की सदस्यता खत्म की जाए या नहीं।

इस रिपोर्ट को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के पास ही यह अधिकार है कि वह रिपोर्ट में दिए गए तथ्यों के आधार पर फाइनल निर्णय लेंगे। वैसे आयोग की रिपोर्ट को लेकर सरकार में कोई चिंता नहीं है। सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार के पास आयोग के निर्णय के खिलाफ कोर्ट में जाने का अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग अवश्य करेंगे।

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