श्रेय फर्मों के लिए एनएआरसीएल सबसे बड़ी बोलीदाता

राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) ने श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस की नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाई है। यह नीलामी मंगलवार को आयोजित हुई थी। सूत्रों ने कहा कि एनएआरसीएल 5,555 करोड़ रुपये शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) के साथ सबसे बड़ी बोलीदाता बन कर सामने आई।

श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस के कर्जदाताओं की समिति ने नीलामी का आयोजन किया था। यह नीलामी पांच चरणों में संपन्न हुई। नीलामी के अंतिम चरण में केवल दो बोलीदाता रह गए जिनमें एक एनएआरसीएल और दूसरी ऑथम थी। ऑथम का एनपीवी 5,526 करोड़ रुपये था।

बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों ने कहा कि एनएआरसीएल ने अपनी बोली के तहत शुरुआत में 3,000 करोड़ रुपये नकद देने और 6,000 करोड़ रुपये के वैकल्पिक परिवर्तनीय बॉन्ड जारी करने की पेशकश की है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुई इस नीलामी में वर्डे पार्टनर्स और एरीना के कंसोर्टियम, एनएआरसीएल तथा ऑथम इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भाग लिया था। नीलामी का तीसरा चरण पूरा होने के बाद वर्डे-एरीना कंसोर्टियम प्रतिस्पर्द्धा से बाहर हो गया क्योंकि वह 4,800 करोड़ रुपये से अधिक बोली लगाने की हिम्मत नहीं कर पाया।

श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस के मामले में 32,750.22 करोड़ रुपये के दावे स्वीकार किए गए हैं। वित्तीय कर्जदाताओं में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब ऐंड सिंध बैंक, ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।

आवेदकों द्वारा सौंपी गई समाधान योजना में अग्रिम नकद भुगतान और बाद में डिबेंचर के माध्यम ने रकम की अदायगी शामिल है। बकाया भुगतान 3 से 7 साल में करना है। नीलामी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कर्जदाता संस्थान अंतिम समाधान योजना और इसने जुड़ी शर्तों पर गौर करेंगे। सूत्रों ने कहा कि कर्जदाताओं की समिति संभवतः 7 जनवरी को बैठक करेगी।

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बैंक अधिकारियों का कहना है कि बोलीदाता कानूनी दस्तावेज और व्यावसायिक योजनाएं एक साथ सौंपेंगे। योजना की अहम शर्तों और इनमें किसी तरह की संशोधन की जरूरत पर बैंकों और आवेदकों के बीच चर्चा होगी। एनएआरसीएल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकारी गारंटी नहीं दे पाएगी। एनएआरसीएल में सार्वजनिक क्षेत्रों की बहुलांश हिस्सेदारी है।

बैंक अधिकारियों ने कहा कि एनएआरसीएल इस पूरी प्रक्रिया में मजबूत स्थिति में है क्योंकि वित्तीय कर्जदाता और श्रेय भी एआरसी के मालिक हैं। अधिकारियों के अनुसार समाधान योजना आगे बढ़ने पर किसी तरह की शिकायत या त्रुटि की बहुत कम गुंजाइश है।

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