वैश्विक वित्तीय जोखिम बढ़ा है, प्रभावकारी नीतियों की जरूरत: IMF

वॉशिंगटन
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता से बचने तथा वित्तीय स्थिरता जोखिम से निपटने को लेकर प्रभावकरी नीतियों की जरूरत है। अनिश्चितता बढ़ने, जिंसों के दाम में गिरावट तथा चीन की वृद्धि को लेकर चिंता के कारण विकसित देशों में यह समस्या बढ़ी है।

आईएमएफ ने आगाह किया कि इस प्रकार के जोखिम उभरते बाजारों में भी हैं और अगर इसका प्रभावी तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया तो इससे आर्थिक और वित्तीय शिथिलता आएगी। अपनी वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा है कि बाजार में उतार-चढ़ाव वृद्धि को झटके, अनिश्चितता तथा कमजोर विश्वास के रूप में प्रतिबिंबित होता है। ज्यादा संतुलित तथा प्रभावकारी नीतियों के मिश्रण को अपनाने से वैश्विक उत्पादन में 2.0 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है।

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मुद्रा कोष ने कहा कि इस साल की शुरुआत में वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट आई, उतार-चढ़ाव तेजी से बढ़ा है, विकसित देशों में मंदी की बात हो रही है और बैंक इक्विटी कीमतों पर नया दबाव आया है। इससे उच्च आर्थिक तथा राजनीतिक जोखिम के प्रभाव को कम करने को लेकर नीतियों की क्षमता को लेकर चिंता बढ़ी है।

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लगता है कि आर्थिक मोर्चे पर कुछ अच्छी खबरों तथा यूरोपीय केंद्रीय बैंक की नीतिगत कदमों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि को लेकर सतर्क रूप से फरवरी से बाजार में स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मुद्रा कोष ने कहा कि चीन ने भी वृद्धि को मजबूती प्रदान करने तथा एक्सचेंज रेट को स्थिर करने को लेकर अपने नीतिगत मसौदे को मजबूत करने के प्रयास तेज किए हैं।

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