रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए राहत, कॉर्पोरेट सेक्टर हायरिंग को तैयार
|2019 लोकसभा चुनाव में अब केवल एक साल का समय बचा है और इस समय नरेंद्र मोदी सरकार के लिए रोजगार एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में सालाना 1 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था।
हालांकि, सरकार का दावा है कि काफी लोगों को नौकरी मिली है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार के सवाल पर कहा कि यदि कोई पकौड़े की दुकान लगाता है और दिनभर में 200 रुपये कमा लेता है तो इसे भी रोजगार के रूप में देखना चाहिए। इस बयान की विपक्षी दलों ने काफी आलोचना की और रोजगार के सवाल पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा है।
इस बीच सरकार के लिए राहत की खबर है। कॉर्पोरेट सेक्टर ने नई भर्तियों को लेकर सकारात्मक इच्छा जाहिर की है। इंडिया स्किल रिपोर्ट 2018 में इस साल के लिए हायरिंग आउटलुट को सकारात्मक बताया गया है और इसमें 10-15 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।
इस रिपोर्ट में 120 नियोक्ताओं और देशभर के 5.10 लाख स्टूडेंट्स की राय को शामिल किया गया है। प्रतिक्रिया देने वालों में 49 फीसदी ने हायरिंग को लेकर सकारात्मक इच्छा जाहिर की, जबिक 25 फीसदी तटस्थ रहे। केवल 26 फीसदी ने नकारात्मक उत्तर दिया।
केवल हायरिंग में ही नहीं रोजगार क्षमता में भी वृद्धि हुई है। अकुश और कम कुशल श्रम भारत के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। यहां तक की सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स में भी रोजगार क्षमता काफी कम पाई गई, लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक इसमें काफी सुधार हुआ है। पिछले पांच सालों में रोजगार क्षमता अपने सर्वोच्च स्तर 45.6 फीसदी पर पहुंच गई है।
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