रेडबुल एनर्जी ड्रिंक में कैफीन की मात्रा अधिक, कानपुर में बड़ा स्टॉक सीज

कानपुर
सिटी के फूड सेफ्टी ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने सोमवार को शहर में रेडबुल एनर्जी ड्रिंक का बड़ा स्टॉक सीज कर दिया। विभाग के अभिहित अधिकारी (डीओ) सैयद शहनवाज हैदर आबिदी के अनुसार, अगस्त-2016 में लिए गए सैंपल में कैफीन तय मात्रा से 200 पीपीएम ज्यादा मिला।

यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। डीलर का स्टॉक तो सीज कर दिया गया है, लेकिन छोटी-छोटी दुकानों से इसकी सेल रुकवाना चुनौती है। वहीं रेडबुल की तरफ से जारी लिखित बयान में बताया गया है कि रेडबुल एनर्जी ड्रिंक में भारत के सभी फूड क्वॉलिटी और लेबलिंग नियमों का पालन किया जाता है। सिर्फ एक राज्य की तरफ से जताई गई चिंता बेबुनियाद है।

आबिदी ने बताया कि एफएसडीए की एक टीम ने अगस्त-2016 में कानपुर से रेडबुल एनर्जी ड्रिंक का सैंपल लिया था। नवंबर-2016 में लखनऊ लैब की रिपोर्ट से पता चला कि ड्रिंक में कैफीन की मात्रा 345 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) है, लेकिन इसकी तय मात्रा सिर्फ 145 पीपीएम है। रिपोर्ट के बाद कंपनी ने रेफरल लैब में दोबारा टेस्टिंग की मांग की।

22 फरवरी को रेफरल लैब से आई रिपोर्ट में भी कैफीन लिमिट से ज्यादा मिला है। इसके बाद सोमवार को जाजमऊ में रेडबुल ड्रिंक के सबसे बड़े डीलर हीरा एंटरप्राइजेज के यहां 1470 केन का स्टॉक सीज कर दिया गया। उनका कहना है कि दूसरे बड़े डीलर के यहां ताला मिला। डीलर ने बताया कि उनके पास एनर्जी ड्रिंक का कोई स्टॉक नहीं है।

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कंपनी का पक्ष
रेडबुल जीएमबीएच ने कहा है कि रेडबुल ड्रिंक ऑस्ट्रिया से आयात किया जाता है। फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) हर बैच की टेस्टिंग करती है। एक राज्य की ओर से उठाए गए सवालों और गलतफहमियों को दूर करने के लिए कंपनी ने स्वतंत्र लैबोरेट्री टेस्ट के सबूत दिए हैं।

उन्हें यह भी याद दिलाया गया है कि प्रॉडक्ट को एफएसएसएआई से अप्रूवल है। 250 एमएल के एक केन में उतना ही कैफीन (80 मिलीग्राम) होता है, जो एक कप कॉफी में होता है।

ये हैं नुकसान
सीनियर डॉक्टर आरती लालचंदानी के अनुसार, कैफीन का ज्यादा इस्तेमाल दिल की धड़कनों को बढ़ा देता है। इसे पीने से नींद तो नहीं आती, लेकिन किसी शख्स की अलर्टनेस कम हो जाती है। नींद के दौरान आंखों में मेलाटोनिन नाम का केमिकल बनता है। यह बॉडी को ठंडा और दिल को दुरुस्त रखता है। अगर सोएंगे ही नहीं तो शरीर पर बुरा असर होगा।

आजकल स्टूडेंट्स और ड्राइवर्स इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए रोज एनर्जी ड्रिंक पीते हैं। विदेश यात्राओं पर जाने वाले लोग भी जेट लेग से बचने को इसका यूज कर रहे हैं। कैफीन के ज्यादा प्रयोग से अंगों को पर्याप्त ब्लड सप्लाई नहीं हो पाती। इससे ब्रेन सेल तक डैमेज होने का खतरा रहता है।

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