रिजर्व बैंक के रेट कट के बाद बचत के लिए बुरा वक्त?

  नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट में कटौती की है। इससे लोन तो सस्ते होंगे और निवेशकों को फायदा होगा। लेकिन माना जा रहा है कि बैंक या सेविंग स्कीम्स में पैसा जमा करने वालों पर इसका नेगेटिव असर हो सकता है। dainikbhaskar.com आपको बता रहा है इसके फायदे और नुकसान।      बचत, निवेश और लाभ। पैसे की भाषा में यह सबसे महत्वपूर्ण शब्दों में शामिल हैं। रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और बेसिस पॉइन्ट जैसी अर्थशास्त्र की बातों से इतर, सामान्य आदमी बचत, लाभ और निवेश के मायने ही ज्यादा समझता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा हाल ही में बेसिस पॉइंट्स की कटौती का भी सामान्य अर्थ यही है कि लोन सस्ते हो जाएंगे। ऐसे में घर, कार या अन्य चीजों के लिए कर्ज लेने वालों को फायदा होगा, क्योंकि उन्हें कम ईएमआई चुकानी होगी। इसका असर बाजार पर भी पड़ेगा और कॉर्पोरेट सेक्टर व रियल स्टेट सेक्टर को फायदा होगा।   रेट कट का एक दूसरा पहलू भी है। आरबीआई की इस कटौती ने बचत करने वालों की मुसीबत बढ़ा दी है। भले ही इसके पीछे आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का तर्क निवेश और पैसों का फ्लो बढ़ाना हो,…

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