रानी झांसी फ्लाईओवर: 24×7 घंटे चल रहा है काम

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

पुरानी दिल्ली में सेंट स्टीफन हॉस्पिटल से रानी झांसी रोड तक बन रहे फ्लाईओवर (ग्रेड सेपरेटर) को अगले साल शुरू करने के लिए नॉर्थ एमसीडी ने पूरी जान लड़ा दी है। इसका निर्माण पूरा करने के लिए वहां 24 घंटे और सातों दिन काम चल रहा है। रेलवे ने भी अपने हिस्से का काम शुरू कर दिया है। फ्लाईओवर की राह में एक छोटा धार्मिक स्थल आया था, लेकिन किसी विवाद से बचने के लिए उसके लिए सुरक्षित रास्ता निकाल दिया गया है।

दो किलोमीटर लंबा यह पुल आठ साल से बन रहा है। लोगों को लगातार हो रही परेशानी और लगातार आरोपों से बचने के लिए नॉर्थ एमसीडी ने इस फ्लाईओवर को हल हाल में अगले साल शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए गंभीर कोशिशें लगातार जारी है। यह फ्लाईओवर हर हाल में अगले साल तक शुरू हो जाए, इसके लिए वहां दिन-रात काम चल रहा है। इस फ्लाईओवर को खड़ा करने के लिए वहां 160 पाइलिंग डाली जानी है। नॉर्थ एमसीडी सूत्रों के अनुसार 100 पाइलें डाल दी गई और 15 जनवरी तक हर हाल में सभी पाइलिंग डालने का काम निपटा दिया जाएगा। उसके बाद लांचर के जरिए सेगमेंट को जोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा, उसके साथ-साथ वहां सड़क बनाने का काम भी चलता रहेगा।

नार्थ एमीसडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रवेश वाही के अनुसार इस फ्लाईओवर के रास्ते में एक छोटा धार्मिक स्थल आ गया था। उसे हटाने के लिए अगर रिलीजियस कमिटी के पास जाते तो मामला लंबा खींच सकता था। लेकिन प्रोजेक्ट में जुड़े अफसरों ने दिमाग लगाकर उस धार्मिक स्थल तक जाने के लिए छोटा रास्ता बना दिया है। जिससे वहां किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर की राह में रेल लाइनें भी थी। इस पर पुल बनाने का काम रेलवे ने शुरू कर दिया है। रेलवे का कहना है कि वह इस वित्त वर्ष में पुल बनाकर एमसीडी को सौंप देगी। वाही का दावा है कि मार्च माह तक इस फ्लाईओवर का कुछ हिस्सा ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।

वर्ष 2008 में एमसीडी ने यह ग्रेड सेपरेटर शुरू किया था। उस वक्त इसकी लागत 177 करोड़ रुपये थी जो अब काफी बढ़ चुकी है। यह फ्लाईओवर सेंट स्टीफन हॉस्पिटल से शुरू होकर बर्फखाना चौक, आजाद मार्केट चौक, डीसीएम चौक और फिल्मीस्तान पार करता हुआ रानी झांसी रोड पर पहुंचता, जिसके बाद कश्मीरी गेट बस अड्डा से धौला कुआं के बीच ट्रैफिक स्मूद हो जाएगा। यह सेपरेटर दो-दो लेन का होगा, जबकि नीचे गुजरने वाली सड़क तीन-तीन लेन की। बर्फखाना चौक और डीसीएम चौक पर दो-दो लेन के क्लोवर लीफ होंगे, जिससे ट्रैफिक ऊपर और नीचे उतरेगा। करीब दो किलोमीटर के प्रोजेक्ट पर कोई रेड लाइट नहीं होगी।

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