यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, खरीदारों को लौटाने के लिए पैसे नहीं

नई दिल्ली
संकटग्रस्त रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट नोएडा और गुड़गांव की दो देरी से चल रही प्रोजेक्ट्स में घर के खरीदारों को पैसा लौटाने में असमर्थता जताई।

यूनिटेक की ओर से पेश ऐडवोकेट एएम सिंघवी ने जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच से कहा, ‘हमारे पास पैसा नहीं है। अगर हमारे पास पैसा होता तो हम फ्लैट और बिल्डिंग बनाकर उन्हें दे देते।’ बेंच ने सिंघवी को संकेत दिया कि कंपनी को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाना होगा। बेंच ने रिफंड पाने के इच्छुक फ्लैट खरीदारों से यह ब्योरा देने को कहा है कि उन्हें बिल्डर से कितना पैसा लेना है।

यूनिटेक की नोएडा की बरगुंडी और गुड़गांव की विस्तास प्रॉजेक्ट के कुछ फ्लैट खरीदारों के वकील ने बेंच से कहा कि वे अपना पैसा नहीं चाहते हैं, बल्कि फ्लैट चाहते हैं। पीठ ने फ्लैट खरीदारों से 17 अगस्त तक इसका ब्योरा देने को कहा हैं।

एक दूसरे बिल्डर पाश्र्वनाथ डिवेलपर्स ने पीठ से कहा कि उसने ग्रेटर नोएडा परियोजना के 70 खरीदारों को पैसा लौटाने का टाइम टेबल तैयार कर लिया है। यूनिटेक की नोएडा और गुड़गांव की आवासीय परियोजना के दो दर्जन से अधिक खरीदारों ने बिल्डर द्वारा उन्हें समय पर फ्लैट न जेने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग से संपर्क किया था। उपभोक्ता फोरम ने रियल एस्टेट कंपनी से खरीदारों का पैसा ब्याज के साथ लौटाने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने कंपनी को कोर्ट की रजिस्ट्री में पांच करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया था। कंपनी ने उपभोक्ता फोरम के आदेश को चुनौती दी थी। फोरम ने डिवेलपर को बरगुंडी परियोजना के तीन खरीदारों को पांच करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया था।

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