मोदी ने अंतरराष्ट्री धान अनुसंधान संस्थान को भेंट किए धान की दो देसी किस्मों के बीज

: स्लग, इंट्रो संशोधित करते करते हुए रिपीट :

मानष प्रतिम भुइयां

लोस बानोस, फिलिपीन 13 नवंबर भाषा भारत ने फिलिपीन में अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान आईआरआरआई के जीन बैंक को आज धान की दो भारतीय किस्मों के बीज सौंपे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आईआरआरआई धान जैसे एक महत्वपूर्ण अन्न की खेती में सुधार करके गरीबी और भूखमरी को कम करने की दिशा में बड़ा काम कर रहा है।

लोस बानोस में स्थापित इस संस्थान के अपने भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री ने इसमें काम करने वाले भारतीय वैग्यानिकों के साथ बातचीत की।

आईआरआरआई के वैग्यानिकों ने प्रधानमंत्री मोदी को बाढ़ की स्थिति में भी टिके रहने वाले का प्रकोप झोल में समर्थ लेने वाले धान की किस्मों के बारे में बताया, जो कि 14 से 18 दिनों तक पानी में डूबे रहने के बावजूद बची रह सकती है। इनकी खेती से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धान की 1-3 टन प्रति हेक्टेयर अधिक उपज ली जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा, ैआईआरआरआई को भारत की ओर से योगदान… आईआरआरआई के जीन बैंक को धान की दो किस्मों के बीज दिए।ै

उन्होंने कहा, ैआईआरआरआई की मेरी यात्रा सीखने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण थी। आईआरआरआई धान की खेती में सुधार करके गरीबी और भूखमरी को कम करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके काम से एशिया और अफ्रीका के किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है।ै

मोदी यहां धान प्रयोगशाला राइस फील्ड लैब का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस प्रयोगशाला का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आईआरआरआई का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित कर रही है।

भाषा

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