मैराथन से स्टीपलचेज में आना आसान नहीं थाः ललिता बाबर

मुंबई
रियो ओलिंपिक में 10वें स्थान पर रहीं भारत की स्टीपलचेज ऐथलीट ललिता बाबर ने कहा कि मैराथन से स्टीपलचेस में आना उनके लिये आसान नहीं था। बाबर ने कहा, ‘मेरे लिये यह बदलाव काफी कठिन था क्योंकि स्टीपलचेज तकनीकी प्रतिस्पर्धा है और 6 महीने के भीतर एशियाई खेलों में पदक जीतना कठिन था।’

उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद मैंने पदक जीता। सिर्फ तकनीक ही नहीं बल्कि स्टीपलचेज में दमखम की भी परीक्षा होती है। इसमें दमखम, रफ्तार और तकनीक तीनों चाहिये।’ ललिता बाबर को मुंबई खेल पत्रकार संघ के स्वर्ण जयंती समारोह में पुरस्कृत किया गया।

इस मौके पर बाबर ने आगे बताया, ‘स्टीपलचेज के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। इसके बिना बाधा दौड़ और पानी में कूद पाना संभव नहीं। मेरे लिये यह कठिन था, लेकिन मैंने कोशिश की।’

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