‘मेल नहीं है भगवान, बंद करो He का इस्तेमाल’
|ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बैठने वाली पहली महिला बिशप रैशल ट्रवीक ने कहा है ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’ को भगवान के लिए पुर्लिंग सर्वनाम (He) का इस्तेमाल बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि भगवान का कोई लिंग नहीं होता है।
ग्लॉस्टर की बिशप रैशल ट्रवीक ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’ की सबसे सीनियर महिला पादरी हैं। उनका सोमवार को ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन में 26वीं स्प्रिचूअल लॉर्ड के तौर पर परिचय करवाया गया।
इस कार्यक्रम से पहले रैशल ने भगवान के लिंग का मामला उठाया। उन्होंने कहा, ‘हमें बताया जाता है कि भगवान ने लोगों को अपने जैसा ही बनाया। अगर मुझे भगवान ने अपनी तरह बनाया है तो भगवान को एक पुरुष की तरह नहीं देखा जा सकता। भगवान केवल भगवान है।’ रैशल का कहना था कि भगवान के लिए पुर्लिंग (He) या स्त्रीलिंग (She) का इस्तेमाल करने के बजाए, वह भगवान शब्द का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं।
ब्रिटेन की शीर्ष लेडी बिशप ने ‘द ऑब्जर्वर’ से बातचीत में कहा, ‘कभी-कभार मुझसे चूक हो जाती है, लेकिन मैं कोशिश करती हूं कि ऐसा न हो। मेरा मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है, लेकिन मैं विन्रमता से लोगों को चुनौती देना चाहती हूं।’ ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’ में लंबे समय से लैंगिक समानता को लेकर बहस चल रही है।
रैशल ट्रवीक की फाइल फोटो
डरम के बेलमंट ऐंड पिटिंगटन की पादरी मिरैंडा टी होम्स ने रैशल की इस टिप्पणी का स्वागत किया है। होम्स ‘जनरल सिनड’ (चर्च ऑफ इंग्लैंड की शीर्ष गवर्निंग बॉडी) की सदस्य हैं और साथ में प्रेशर ग्रुप- ‘विमिन ऐंड द चर्च’ की वाइस चेयरवुमन भी हैं। यह संगठन ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’ में समावेशी भाषा के इस्तेमाल की वकालत करता है। उन्होंने भी कहा है, ‘भगवान का कोई लिंग (जेंडर) नहीं होता है। वह इससे परे है।’
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