मेक इन इंडिया डाल रहा है देसी फैब्रिक में नई जान

नई दिल्ली

सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल देसी फैब्रिक की कुछ कम लोकप्रिय वरायटी में नई जान डाल रही है। इसका श्रेय डिजाइनरों और कुछ राज्य सरकारों को जाता है जिन लोगों ने इक्कत और उप्पड़ा जैसे सिल्क को अपनाया और उनमें जान डाला जो अब बनारसी और खादी की तरह ही लोकप्रिय हो गए हैं।

नई दिल्ली की फैशन डिजाइनर अनीता डोंगरे ने एक पहल शुरू की है जिसमें कशीदाकारी की कला को शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाया गया है ताकि बेरोजगार ग्रामीणों को रोजगार की तलाश में शहर का रुख न करना पड़े।

डोंगरे राजस्थान में जयपुर के एक गांव से पिपली की शिल्प गोटा पट्टी में फिर से जान डालने की कोशिश कर रही है। राजस्थान के इस गांव में गोल्ड और सिल्वर फैब्रिक्स को शिल्पकार पूरी बारीकी से हाथ से काटते हैं और कढ़ाई करते हैं। इससे बने प्रॉडक्ट को अनीता डोंगरे लेबल की उप श्रेणी ग्रासरूट के तहत ब्रांडेड किया जाएगा।

डोंगरे ने बताया, ‘हम नैला गांव के दस्तकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमने गांव के 50 दस्तकारों के साथ मिलकर गोटा पट्टी शिल्प से काम शुरू किया है लेकिन जल्द ही हम अपने कम्यूनिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत और अधिक दस्तकारों को शामिल करेंगे।’ यह पहल सिर्फ सिंगल कलेक्शन तक ही सीमित नहीं है और अनीता डोंगेर ब्रैंड के प्रॉडक्ट के लिए एक सस्टेनेबल मॉडल बनाया जाएगा।

फैशन, टेक्सटाइल्स और क्राफ्ट्समैनशिप में रितू कुमार को उनकी सेवा के लिए 2013 में पद्म श्री अवॉर्ड दिया गया। वह 60 की दहाई के मध्य से देश भर के बुनकरों के साथ काम कर रही हैं। उनमें से कुछ फुलिया और शांतिपुर जिलों के क्राफ्टसमैन हैं जो बंगाल की कॉटन से बुनी हुई तांगेल और जामदानी का घर है।

कुमार मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय बुनकरों के साथ मिलकर 21-साड़ी विशेष बनारसी कलेक्शन निर्माण में व्यस्त है और ओडीशा के इक्कत में जान डालने का प्रयास भी किया है। इक्कत 12वीं सदी की तकनीक है। यह कपड़े की बुनाई से पहले धागे की डाइंग और बंधन से संबंधित है। कुमार ने बताया, ‘ये बुनकर पहले मंदिर के लिए स्टिच फैब्रिक का इस्तेमाल करते थे लेकिन मेरी पुनर्जीवन परियोजना इससे एक कलेक्शन तैयार करेगी। इस साल अक्टूबर में त्योहार सीजन शुरू होने से पहले इन डिजाइन को तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘इन सामग्रियों का इस्तेमाल न सिर्फ साड़ी बनाने तक होगा बल्कि अन्य गार्मेंट्स एवं एक्सेसरीज के लिए किया जाएगा। हमने 4,000 मीटर्स इक्कत इन बुनकरों से खरीदा है और यह प्रतीक्षा कर रहे हैं कि वे क्या प्रॉडक्ट बनाते हैं।

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