मृत बच्चे के जिंदा होने की आस में तीन दिन पूजा करने के बाद किया अंतिम संस्कार

मेरठ

शहर में 11 साल के एक मृत बच्चे के शव का तीन दिन तक केवल इस अंधविश्वास में अंतिम संस्कार नहीं किया गया कि वह फिर से जिंदा हो जाएगा। इसके लिए लगातार तीन दिन पूजा भी की गई।

इस घटना पर ब्रह्मपुरी थाने के एसएचओ यादराम यादव ने कहा कि उन्हें इस तरह की घटना की जानकारी मिली तो थी लेकिन किसी ने लिखित में थाने आकर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, इसीलिए धार्मिक मान्यता से जुड़ा मामला मानकर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

क्षेत्रीय पार्षद राजीव गुप्ता ने बताया कि शिव नगर निवासी कपिल मित्तल के इकलौते पुत्र मानिक (11) की बीमारी के चलते मंगलवार सुबह मौत हो गई थी। परिजन जब शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर गए तो वहां अचानक परिवार के ही एक सदस्य पर कथित रूप से ‘देवी’ आ गई जिसने बच्चे का मुख देखकर कहा कि यह बच्चा अभी नहीं मर सकता है। यह तो 52 साल की उम्र लेकर आया है।

इस व्यक्ति ने परिजनों को शव वापस घर ले जाकर 72 घंटे तक पूजा पाठ की सलाह दी। पूजा पाठ में मोहल्ले के लोगों के अलावा आसपास के इलाकों के लोग भी जुटे।

हालांकि चिकित्सकों ने परिजनों से फिर कहा कि बच्चे की मौत हो चुकी है, अब दोबारा उसमें प्राण नहीं आ सकते, लेकिन परिजन राजी नहीं हुए। शनिवार सुबह तक भी बच्चे के अंदर प्राण वापस नहीं लौटे तब परिजनों ने बच्चे का अंतिम संस्कार किया।

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Navbharat Times