मनोज बाजपेयी ने बताया फिल्मों-सीरीज में क्यों देते हैं गालियां:बोले- ऐसा करना सही नहीं लगता है, स्क्रिप्ट के आगे मजबूर हूं

मनोज बाजपेयी की एक्टिंग के अलावा फिल्मों और सीरीज में उनकी गालियां भी बड़ी फेमस हैं। उनके इस फ्रस्टेट अवतार को लोग पसंद भी करते हैं। हालांकि स्क्रीन पर गालियां देने में मनोज को कोई आनंद नहीं आता है। उन्हें तो ऐसा करना अच्छा भी नहीं लगता है। मनोज ने कहा कि स्क्रिप्ट की डिमांड ही ऐसी रहती है कि उन्हें ऐसे शब्दों का प्रयोग करना पड़ता है। मनोज बाजपेयी आज भी थिएटर को काफी मिस करते हैं। मनोज ने कहा कि वो अपने आप को आज भी सिनेमा का एक्टर नहीं मानते। वो खुद को थिएटर एक्टर के तौर पर जानते हैं। प्राची देसाई ने कहा कि जो स्क्रिप्ट वो कई बार पढ़ती हैं, मनोज बाजपेयी उसे कुछ ही बार में पढ़कर समझ लेते हैं। मनोज बाजपेयी और प्राची देसाई की फिल्म साइलेंस-2, 16 अप्रैल को OTT प्लेटफॉर्म ZEE 5 पर रिलीज होगी। दोनों एक्टर ने फिल्म और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत की है। मनोज ने कहा- स्क्रिप्ट की डिमांड की वजह से देनी पड़ती हैं गालियां वेब सीरीज और फिल्मों में मनोज बाजपेयी की गालियां भी बहुत पॉपुलर हो रही हैं। इस संबंध में मनोज ने हंसते हुए कहा- मैं गालियां देना चाहता तो नहीं हूं, लेकिन डायरेक्टर्स मुझसे यह निकलवा लेते हैं। लोग अट्रैक्ट हों, इसके लिए कभी गालियां नहीं देता। जब स्क्रिप्ट की मांग रहती है, तभी गालियां ऐड की जाती हैं। जब लगता है कैरेक्टर फ्रस्टेट हो रहा है, तभी वो गालियां देता है। डायलॉग्स की लाइनें याद करना मुश्किल काम- मनोज मनोज बाजपेयी ने कहा कि डायलॉग्स की लाइंस याद करना सबसे मुश्किल काम होता है। इस फिल्म की डायरेक्टर अबान बहुत डीटेल्ड स्क्रिप्ट लिखती हैं। कई वर्ड तो ऐसे लिखती हैं, जो हमने कभी सुने ही नहीं होते। ऐसे वर्ड को समझना और उसे नेचुरली बोलना सबसे मुश्किल काम है। अपने रोल में घुस जाते हैं मनोज डायरेक्टर अबन देव ने कहा- मनोज बाजपेयी सर अपने रोल में घुस जाते हैं, इसका एक उदाहरण बताती हूं। जब मैं साइलेंस-2 की स्क्रिप्ट लिख रही थी तो मनोज सर ने कहा कि मुझे तीन-चार दिन पहले एक फाइनल स्क्रिप्ट दे दीजिएगा ताकि मैं तैयारी कर सकूं। काम करने के तरीकों में बदलाव करते रहते हैं मनोज मनोज ने कहा कि वो कभी भी एक प्रोसेस पर ज्यादा नहीं चलते। उन्होंने कहा- मैं समय-समय पर अपने काम करने के तरीकों में बदलाव करते रहता हूं। फिल्म अलीगढ़ में मेरा काम करने का जो प्रोसेस था, वो मैं साइलेंस में अप्लाई नहीं कर सकता। दोनों का जॉनर डिफरेंट है। दोनों के कैरेक्टर डिफरेंट हैं। अजहर की वाइफ का किरदार निभाना चुनौती थी- प्राची देसाई प्राची देसाई ने भी अपनी एक्टिंग प्रोसेस पर बात की। उन्होंने कहा- फिल्म अजहर में मैंने मोहम्मद अजहरुद्दीन की वाइफ का किरदार निभाया था। उन्हें किसी ने ज्यादा देखा नहीं था। उनका किरदार निभाना अपने आप में एक चुनौती थी। अजहरुद्दीन को तो सभी जानते थे, लेकिन उनकी पहली वाइफ ज्यादातर पर्दे में ही रहती थीं। अगर आप साइलेंस में मेरे कैरेक्टर की बात करें तो यह एक रियल लाइफ किरदार नहीं है, फिर भी इसमें काफी कुछ अलग करना पड़ा। प्राची ने यहां मनोज बाजपेयी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा- जो स्क्रिप्ट हम 20 बार में भी पढ़कर नहीं समझ पाते हैं, वो मनोज सर 10 बार में ही समझ जाते हैं। मनोज बाजपेयी के ऊपर पीयूष पांडे ने एक किताब लिखी है। उस किताब में एक जगह जिक्र है कि मनोज को NSD में एडमिशन नहीं मिल रहा था। तभी रॉबिन दास ने उन्हें एक नाटक में काम दिया। मनोज ने उस नाटक में ऐसा काम किया कि रॉबिन दास ने NSD के स्टूडेंट्स को बुलाकर कहा कि देखो इसे कहते हैं एक्टिंग। खुद को आज भी थिएटर का एक्टर मानता हूं मनोज ने यह बात सुनी तो कहा कि वो अभी भी थिएटर को काफी मिस करते हैं। उन्होंने कहा- मैं आज भी अपने आप को सिनेमा का एक्टर कंसीडर नहीं करता हूं। मैं थिएटर का एक्टर हूं, मुझे आज भी जरूरत रहती है तो थिएटर के ट्रिक्स ही इस्तेमाल करता हूं। आज भी मुझे मौका मिला तो थिएटर जरूर करूंगा। यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मैं थिएटर को जितना एन्जॉय करता था, उतना सिनेमा को नहीं करता। मनोज कहते हैं कि उन्हें OTT का सितारा कहना सही नहीं होगा। भले ही उन्होंने पिछले कुछ सालों में ज्यादातर OTT बेस्ड फिल्में और सीरीज में काम किया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि वो इसी में सिमट कर रह गए हैं। प्राची ने कहा- आर्टिस्ट के लिए लुक और फिजिक अहम प्राची देसाई ने इंटरव्यू के दौरान अपनी डाइट पर भी बात की। उन्होंने कहा- आर्टिस्ट के लिए लुक और फिजिक बहुत मायने रखता है। उन्हें इसके लिए काफी नियमित भी होना पड़ता है। काफी साल पहले डिनर करना छोड़ चुके हैं मनोज मनोज बाजपेयी ने कहा- मैंने काफी साल पहले से डिनर करना छोड़ दिया है। पहले बड़ी दिक्कतें होती थीं, बाद में सब सही हो गया। अब तो खाने का मन भी नहीं करता। मनोज ने इंटरव्यू के अंत में कहा कि प्राची देसाई अपने हेल्थ और रुटीन को लेकर काफी सीरियस हैं। मनोज ने कहा- हम लोग तो सेट पर खूब मटन चिकन खाते थे, लेकिन प्राची सिर्फ सैंडविच खाकर ही रहती थीं। प्राची और अबान ने कहा कि मनोज बाजपेयी सेट पर काफी टेस्टी मटन बनाते थे।

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