मजदूरों की हकमारी से मिल पा रहा है ‘फ्रीडम 251’?

मुंबई
नोएडा की कंपनी रिंगिंग बेल्स आखिरकार 7 जुलाई को दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन ‘फ्रीडम 251’ लॉन्च करने जा रही है। इस साल की शुरुआत में 251 रुपये का यह हैंडसेट बहुत विवादों में रहा। इस फोन की लागत 251 रुपये नहीं है और कंपनी का कहना है कि हर हैंडसेट को बेचने पर इसे घाटा होगा, मगर बल्क ऑर्डर से प्रॉफिट हो जाएगा। खैर, कंपनी का दावा है कि वह 2 लाख स्मार्टफोन बेचने को तैयार है और लकी ड्रॉ के जरिए यह काम किया जाएगा। हर राज्य के लिए 10 हजार फोन रखे गए हैं।

इस बीच श्रम अधिकारों के एक्टिविस्ट्स को डर है कि सस्ते स्मार्टफोन और टैबलेट बनाने की होड़ में भारत में लेबर फोर्स का शोषण हो सकता है। भारत सबसे तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन मार्केट है। रिंगिंग बेल्स का ‘फ्रीडम 251’ संभवत दुनिया का सबसे सस्ता फोन है। रिंगिंग बेल्स के चीफ एग्जक्युटिव मोहित गोयल ने गुरुवार को कहा कि उनकी कंपनी काम करने वालों को सही मेहनताना देती है और कंपनी के मंहगे फोन्स से फ्रीडम 251 से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है।

भारत में पिछले साल 10 करोड़ 30 लाख फोन बिके हैं जो उससे पहले वाले साल से 29 प्रतिशत ज्यादा है। इसके बावजूद 10 में से एक भारतीय के पास ही मोबाइल फोन है। भारत में फोन के बाजार में संभावनाएं अधिक हैं और कई कंपनियां 25 डॉलर से कम में फोन बेच रही हैं।

लेबर एक्टिविस्ट्स के अनुसार फोन की कीमत कम रखने की कोशिश में निर्माता कॉन्ट्रैक्ट लेबर को कम सैलरी पर रख रहे हैं और उनसे ओवरटाइम करा रहे हैं जिसके या तो उन्हें कम पैसे मिलते हैं या मिलते ही नहीं हैं।

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