भ्रामक विज्ञापन को लेकर फिर मुश्किल में पतंजलि

जॉन सरकार, नई दिल्ली करीब एक महीने पहले ही हेयर ऑइल और वॉशिंग पाउडर पर भ्रामक विज्ञापन को लेकर खिंचाई करवा चुकी बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एक बार फिर से मुश्किल में है। एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पाद ‘दंतकांति’ के विज्ञापन को भ्रामक पाया है। ‘दंतकांति’ पतंजलि आयुर्वेद के सबसे अधिक बिकने वाले उत्पादों में से एक है। एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ने पतंजलि के सरसों तेल, फ्रूट जूस और पशु चारे के विज्ञापनों को भी गलत पाया है।

एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया की यह महत्वपूर्ण है। पिछले दिनों ही इस संस्था ने देश की शीर्ष खाद्य नियंत्रक संस्था एफएसएसएआई से भ्रामक विज्ञापनों पर निगरानी को लेकर किया था। एएससीआई ने दंत कांति के विज्ञापन को लेकर कहा, ‘दंत कांति के विज्ञापन में पायरिया की समस्या, मसूढ़ों में सूजन और ब्लीडिंग, दांतों के पीलेपन से निपटने में प्रभावी बताया गया है। इसके अलावा दावा किया गया है कि यह लंबे समय के लिए दांतों की रक्षा करता है और कीटाणुओं से बचाता है। पतंजलि का यह दावा भ्रामक है।’

हालांकि पतंजलि ऐसी अकेली कंपनी नहीं है, जिसके विज्ञापनों पर एएससीआई ने सवाल उठाए हैं। विज्ञापन नियामक संस्था ने पतंजलि के अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर, केलॉग इंडिया, पी ऐंड जी, लॉरिएल इंडिया और कोलगेट के विज्ञापनों को भी भ्रामक पाया है। संस्था ने यूनिलीवर के ‘रेक्सोना रोल ऑन पाउडर’ के विज्ञापन के दावों को गलत करार दिया है। इसके अलावा लॉरिएल के डबल ऐक्शन फेस वॉश के विज्ञापन में भी बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए गए हैं।

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