भारत के मोबाइल यूजर्स पर सैमसंग की नजर, खोली दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री

नई दिल्ली
नोएडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्घाटन करने वाले हैं। इसकी स्थापना सैमसंग ने की है। चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका को छोड़कर आखिर सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का टैग भारत को क्यों मिला, इसके पीछे भी कई वजहें हैं।

अभी सैमसंग भारत में लगभग 670 लाख स्मार्टफोन बनाती है और इस नई यूनिट की शुरुआत बाद यह संख्या दोगुनी हो सकती है। सैमसंग ने भारत में यह यूनिट इसलिए शुरू की क्योंकि यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट है और दुनियाभर के 10 फीसदी मोबाइल फोन यहां बिकते हैं। 2017 में यहां लगभग 3 हजार लाख मोबाइल यूजर थे जो इस साल के आखिरी तक 3 हजार 50 लाख हो सकते हैं। संभावना है कि 2022 तक भारत में 4,050 लाख मोबइल यूजर हो जाएंगे।

2016-17 में सैमसंग के कुल 50,000 करोड़ की सेल रेवेन्यू में से 34,000 करोड़ मोबाइल से था। सूत्रों के मुताबिक यूनिट के विस्तार के लिए सैमसंग 4,915 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। यहां न केवल भारत के बाजार के लिए फोन बनाए जाएंगे बल्कि यूरोप, वेस्ट एशिया और अफ्रीका को निर्यात भी किए जाएंगे। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि इस यूनिट से मोबाइल और रेफ्रिजरेटर का उत्पादन दोगुना हो जाएगा।

विदेशी कंपनियों का हब बनाने के लिए नोएडा प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता में है। इन्वेस्टर मीट के दौरान जिले में करीब 35 हजार करोड़ के निवेश के लिए देश-विदेश की बड़ी-कंपनियों के साथ एमओयू साइन हुआ था। इससे करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। अगले 3 से 5 साल में इन कंपनियों की यूनिट जिले में शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए नोएडा को टारगेट बनाकर काम करना होगा। यहां जाम, कनेक्टिविटी, अतिक्रमण की समस्याओं का समाधान करना होगा।

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