भारत और सिंगापुर को मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा: पीएम मोदी
|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीएम कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और शंगरी-ला डॉयलॉग में भी हिस्सा लेंगे। भारत और सिंगापुर के संबंधों को लेकर मोदी ने कहा कि दोनों देश महत्वपूर्ण सहयोगी रहे हैं।
पीएम ने यह भी कहा कि एशिया में स्थिरता और शांति के लिए भारत और सिंगापुर को मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्रा ने सिंगापुर में बसे भारतीय समुदाय के लिए कहा कि यहां बड़ी संख्या में भारतीय रह रहे हैं और वह दो राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिंगापुर के सीईओ का भारत के लिए विश्वास देखकर बहुत खुशी हुई।
पीएम ने कहा, ‘भारत सिंगापुर के संबंध सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरे हैं। हमारे संबंधों में केवल गर्मजोशी और विश्वास है। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को रिव्यू किया और भविष्य के संबंधों को लेकर चर्चा की। कॉम्प्रेहिंसव इकॉनमिक कोऑपरेशन का सेकंड रिव्यू हुआ और हम इसपर आगे बढ़ेंगे। भारत के लिए सिंगापुर एफडीआई का महत्वपूर्ण स्रोत है। भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए यह फेवरिट डेस्टिनेशन है।’
पढें: शंगरी-ला डायलॉग में बोलेंगे मोदी, इसलिए अहम
पीएम ने हाल में हुए दोनों देशों के संबंधों में और प्रगाढ़ता और व्यावसायिक संबंधों को लेकर कहा, ‘ हमारा एयर ट्रैफिक बढ़ रहा है और डिजिटल पार्टनरशिप में भी हम नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। सिम्बेक्स एक्सरसाइज के 25 वर्ष पूरे होने पर मैं दोनों राष्ट्रों को बधाई देता हूं। नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक अग्रीमेंट संपन्न होने का भी स्वागत करता हूं।’
पीएम ने दोनों राष्ट्रों के समक्ष चुनौतियों पर भी मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्यॉरिटी, अतिवादी ताकतों और आतंकवाद से लड़ना हमारे सहयोग के प्रमुख क्षेत्र हैं और इन्हें हम सबसे बड़ा खतरा भी मानते हैं। मैंने सिंगापुर के साथ अपनी वैश्विक और क्षेत्रीय चिंताओं को साझा किया। मैरीटाइम सिक्यॉरिटी पर अपने सैंद्धांतिक विचारों का फिर से परीक्षण किया। मैंने आसियान यूनिटी के महत्व को बढ़ाने पर भी जोर दिया है।’
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।