भट्टा को जानबूझकर सुलगा गए थे रामगोपाल!

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ग्रेटर नोएडा : पिछले दिनों दनकौर आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रफेसर रामगोपाल यादव के भट्टा-पारसौल के संबंध में बयान से दूसरे दलों में भी हलचल मच गई है। इसे सभी दल अपने फायदे में देख रहे हैं और सपा को किसान विरोधी बताकर प्रचार करना शुरू कर दिया है। इसी बयान के आधार पर विरोधी दलों के कई नेता तो अपनी जीत का आंकड़ा तक पेश कर जेवर विधानसभा सीट के लिए टिकट मांग रहे हैं। चर्चा है कि बयान जानबूझ कर जेवर से सपा प्रत्याशी बेवन नागर को नुकसान पहुंचाने के लिए दिया गया था। बेवन नागर शिवपाल यादव की करीबी हैं। जमीन अधिग्रहण के खिलाफ भट्टा-पारसौल के किसानों ने मई 2011 में उग्र प्रदर्शन किया था जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और डीएम को गोली लगी थी।

11 सितंबर को सपा नेता रामगोपाल यादव एक निजी प्रोग्राम में दनकौर आए थे। उस समय उन्होंने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा था कि भट्टा-पारसौल के किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाएंगे। इसकी वजह उन्होंने यह बताई कि किसानों ने डीएम और पुलिसकर्मियों को गोली मारी थी। इस बयान के विरोध में भट्टा-पारसौल के किसानों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया था। साथ ही सपा का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने वादा किया था कि प्रदेश में सरकार बनने पर भट्टा-पारसौल के किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाएंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रफेसर रामगोपाल यादव ने यह बयान जानबूझ कर दिया था। हालांकि यह बयान मुलायम सिंह के परिवार में हुए घमासान से पहले आया था, लेकिन माना जा रहा है कि यह चिंगारी पहले से सुलग रही थी। इस बयान से बेवन को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। भट्टा-पारसौल व आसपास के गांवों के किसान व किसान संगठन इस बयान के कारण सपा से खफा हो गए हैं।

अब विरोधी पार्टियों खासकर बीजेपी के नेताओं ने इस बयान को भुनाना शुरू कर दिया है। वे गांव-गांव जाकर इस बयान के आधार पर सपा पर वार कर रहे हैं। बीजेपी से जेवर सीट के लिए टिकट मांग रहे गजेंद्र मावी ने भी यही तर्क पेश कर कहा है कि बेवन अब कुछ वोटों तक सिमट जाएंगी। गुर्जर होने के कारण इसका फायदा उन्हीं को मिलेगा। ग्रेटर नोएडा के कई सेक्टर जेवर सीट के तहत आते हैं। ऐसे में बीजेपी को शहरी वोट भी मिलेंगे। हरीश ठाकुर व संजय चौहान भी अपने आंकड़ों के साथ दावा पेश कर रहे हैं।

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