ब्रिटेन के भविष्य का फैसला आज

लंदन

ब्रिटेन में गुरुवार को नई राजनीति का फैसला होने जा रहा है। नई सरकार के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। चुनाव के लिए प्रचार अभियान के आखिरी दिन बुधवार को सभी प्रमुख दलों ने वोटर्स को रिझाने के लिए पूर ताकत झोंक दी। प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से इंग्लैंड के सुनहरे भविष्य का वादा किया, जबकि विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एड मिलीबैंड ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वह जनता के भलाई के कामों पर सबसे ज्यादा ध्यान देगी। वहीं, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता निक क्लेग ने स्थायित्व पर जोर दिया है।

कांटे की टक्कर

चुनाव में दो मुख्य पार्टियों कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है और विश्लेषकों ने बताया है कि चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने के संकेत नहीं है। वोटर्स का स्पष्ट रुझान किसी भी एक पार्टी के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है, जिसके कारण विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के संकेत नहीं है। ब्रिटेन में कुल 4.5 करोड़ वोटर्स हैं, जिसमें से भारतीय मूल के 6,15,000 वोटर्स हैं।

अल्पसंख्यक कैडिंडेट बढ़े
इस बार लेबर पार्टी ने 52 अश्वेत और अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें पिछली संसद के 16 सदस्य हैं। चुनाव के इतिहास में कंजर्वेटिव ने सबसे ज्यादा 45 अल्पसंख्यक प्रत्याशियों को उतारा है।

भारत के लिए अहम

व्यापार- ब्रिटेन का भारत के साथ व्यापार 2009 में 11 बिलियन पाउंड (1.06 खरब रुपए) से बढ़कर 2013 में 16.4 बिलियन पाउंड (1.58 खरब रुपए) तक पहुंच गया था।

निवेश- G20 ग्रुप के देशों में से ब्रिटेन भारत में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट करता है। 2000 से 2014 के बीच ब्रिटेन ने भारत में 1.31 खरब रुपए का निवेश किया। जबकि भारत ने 2012 में ब्रिटेन में 240 मिलियन पाउंड (23.1 अरब रुपए) का निवेश किया।
मुख्य पार्टिंयां

कंजर्वेटिव नेता डेविड कैमरन (48)

लेबर पार्टी एड मिलिबैंड (45)

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