बेंगलुरु: कावेरी विवाद के कारण बंद से ऑन डिमांड, लॉजस्टिक्स स्टार्टअप्स को करोड़ों को चूना

अदिति श्रीवास्तव, बेंगलुरु
कावेरी मुद्दे पर बंद के दूसरे दिन बिगबास्केट, स्विगी, फ्लिपकार्ट और ओला जैसी ऑन डिमांड और लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप्स का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। ऑन डिमांड सर्विस देने वाली ओला और स्विगी जैसी कई कंपनियों का बेंगलुरु न सिर्फ हेडक्वॉर्टर है, बल्कि बिजनस के लिहाज से भी यह उनके लिए सबसे बड़ा मार्केट है।

फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां जहां अपनी डिलिवरी में देरी करने में सक्षम हैं, वहीं ऑन डिमांड ट्रांसपोर्ट और फूड डिलिवरी स्टार्टअप्स के लिए इस बंद का मतलब करोड़ों के रेवेन्यू का नुकसान है।

इंडस्ट्री पर नजर रखने वाली संस्था एसोचैम के मुताबिक कावेरी जल विवाद के कारण उपजी हिंसा के कारण बेंगलुरु में इंडस्ट्री को करीब 22 से 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एसोचैम ने कहा कि फॉर्चून 500 में जगह बनाने वाली बेंगलुरु की सभी कंपनियां नुकसान से जूझ रहीं हैं। जिससे बेंगलुरु की इमेज को नुकसान पहुंचा है।

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बिजनस रेवेन्यू के नुकसान के अलावा कंपनियों को रोजाना एंप्लॉयी कॉस्ट का भी नुकसान सहना पड़ रहा है। बहरहाल, ज्यादातर स्टार्टअप्स ने एंप्लॉयीज को घर से काम करने को कहा है या हॉलिडे घोषित कर दिया है। सबसे बुरी मार वैसी स्टार्टअप्स पर पड़ी है, जो मुख्य तौर पर रिटेल और जमीनी स्तर पर मैनपावर पर निर्भर हैं।

बिगबास्केट के सीईओ हरि मेनन ने बताया, ‘यह हमारे लिए मुश्किल घड़ी है और ऑफलाइन रिटेल पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है।’ हिंसा के कारण कंपनी को बेंगलुरु में मौजूद अपना वेयरहाउस बंद करना पड़ा।

बेंगलुरु के हालात पर उनका कहना था, ‘कई लोग हमारे वेयरहाउस में घुस आए और चुपचाप इसे बंद कर दिया। यशवंतपुर हब को भी दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। सोमवार को लंच टाइम से काफी ऑर्डर आए हैं, लेकिन इन्हें पूरा करना मुमकिन नहीं है। वे कोरामंगला में मौजूद हमारी कस्टमर सर्विस बिल्डिंग में भी घुस गए, लिहाजा हमें उसे भी बंद करना पड़ा। हम अपनी कॉल को पुणे स्थित कॉल सेंटर में डायवर्ट कर रहे हैं।’ बिगबास्केट को रोजाना बेंगलुरु से 15,000 करोड़ ऑर्डर मिलते हैं।

बिगबास्केट की प्रतिस्पर्धी कंपनी ग्रोफर्स को भी सोमवार शाम को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा। ग्रोफर्स के सीईओ अलबिंदर ढींढसा ने बताया, ‘हम बुधवार से ऑर्डर लेना शुरू करेंगे। सोमवार और मंगलवार को धंधा पूरी तरह चौपट हो गया।’ पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब लोगों ने कावेरी मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बंद का आह्वान किया है और इससे पूरा शहर थम गया है।

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हाउसजॉय के सीईओ एस चटर्जी ने कहना था कि बंद से उनके बिजनस को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया, ‘हमें सोमवार को आधा दिन अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा और मंगलवार को पूरा दिन। कस्टमर्स की रोजाना जरूरतों वाले हमारे बिजनस पर बुरी तरह असर पड़ा है।’

फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स ने कंपनियों ने मंगलवार को वेयरहाउस और हब बंद कर दिया और वे किसी भी तरह की डिलिवरी नहीं कर रही हैं। ओला और ऊबर समेत तमाम ट्रांसपोर्ट ऐप कंपनियों की मांग में भी गिरावट आई है। साथ ही, इन कंपनियों की सप्लाइ में और कमी आई है। इन ऐप्स से जुड़े कुछ ड्राइवरों ने ईटी को बताया कि दोनों ऐप काम कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंताओं के लिए ड्राइवर लॉग इन नहीं कर रहे हैं।

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