बीआरडी ऑक्सिजन कांड मामले में जेल में बंद डॉ. सतीश रिहा

गोरखपुर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ऑक्सिजन कांड मामले आरोपी बनाए गए एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सतीश कुमार आठ महीने बाद जेल से रिहा हो गए। हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आखिरकार वह अपने परिवार से मिले।

गोरखपुर मंडलीय कारागार से बाहर आते ही डॉ सतीश अपने परिवार से मिलकर भावुक हो गए। वह परिवार के सदस्यों से लिपटकर रो पड़े। आठ महीने के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने पर उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पूरा विश्वास था। साथ ही उन्होंने दावा किया कि वह निर्दोष हैं। डॉ संजीव की पत्नी अनीता ने कहा कि इन आठ महीनों में उनके परिवार ने बहुत परेशानी झेली है।

अनीता ने कहा, ‘जिसके ऊपर आज तक एक दाग नहीं लगा उस इंसान को इतने लंबे समय तक जेल में रखा गया।’ बता दें कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बीते अगस्त माह की 10 और 11 तारीख को ऑक्सिजन की कमी का मामला सामने आया था। अनीता ने कहा था कि उनके पति को जानबूझकर निशाना बनाया गया। अनीता के मुताबिक, डॉ. सतीश कुमार पर सबसे बड़ा आरोप बिना बताए छुट्टी पर जाने का लगा जबकि 10 अगस्त की रात ड्यूटी करने के बाद डॉ. राजीव 11 से 17 अगस्त तक बेटे के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए आईआईटी मुंबई गए थे। यह छुट्टी तत्कालीन प्रधानाचार्य द्वारा ही स्वीकृत की गई थी, लेकिन जैसे ही बीआरडी की घटना का पता चला वह 13 अगस्त को वापस बीआरडी आ गए थे।

अनीता का कहना था कि मामला बिगड़ने पर डॉ. सतीश को जानबूझकर ऑक्सिजन प्रभारी बताया जाने लगा, लेकिन वह एनेस्थिसिया विभाग के विभागाध्यक्ष थे। डॉ. सतीश कुमार मेंटिनेंस अधिकारी भी थे, लेकिन उनकी जिम्मेदारी हार्डवेयर, मशीनरी, पाइपलाइन के रखरखाव तक थी। उन्हें ऑक्सिजन की खरीद और ऑर्डर देने का अधिकार नहीं था। ऑक्सिजन की कमी की वजह से हुई मौत के मामले में महानिदेशक चिकित्सा-शिक्षा डॉ. केके गुप्ता की तहरीर पर हजरतगंज थाने में 23 अगस्त को तत्कालीन प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्र समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

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