बार-बार कप्तान बदलना अच्छा नहीं, समझ से परे : पूर्व हॉकी कोच गुरबख्श

कोलकाता
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलिंपियन गुरबख्श सिंह का मानना है कि बार-बार टीम का कप्तान बदलना अच्छा नहीं है और समझ से परे है। लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे सरदार सिंह को हटाकर रियो ओलिंपिक के लिये गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश को कप्तान बनाया गया है, जिनकी कप्तानी में भारत ने चैम्पियंस ट्रोफी में ऐतिहासिक प्रदर्शन करके रजत पदक जीता था।

गुरबख्श ने कहा, ‘यह अच्छा नहीं है। मैं किसी खिलाड़ी को दोष नहीं देता, लेकिन ओलिंपिक जैसे टूर्नमेंट से एक साल पहले तय होना चाहिये कि कप्तान कौन होगा। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, चाहे वह सरदार हों या श्रीजेश, लेकिन मुझे इस फैसले का कारण समझ में नहीं आया। हर मैच में नया कप्तान नहीं हो सकता, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे माहौल में फर्क पड़ेगा।’

उन्होंने कहा, ‘यदि आपके जेहन में श्रीजेश था तो उसे एक साल पहले कप्तान बनाना चाहिये था। हॉकी इंडिया को पहले से पता था कि सरदार को कुछ निजी समस्या है। मुझे समझ में नहीं आता कि ऐन मौके पर कप्तान क्यों बदला गया।’

यह पूछने पर कि क्या इससे सरदार के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा, ‘हमारे समय में तो ऐसा नहीं हुआ था। ओलिंपिक पदक जीतने के मामले में खिलाड़ी हमेशा निजी मतभेदों और अहंकार को भूल जाते हैं। खिलाड़ी व्यक्तिगत रेकार्ड के लिये नहीं बल्कि देश के लिये खेल रहे हैं। ओलिंपिक पदक कौन नहीं जीतना चाहता।’

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