बांग्लादेश के खिलाफ होगी कोहली की कप्तानी की परीक्षा

फतुल्लाह

बांग्लादेश के खिलाफ कल से शुरू हो रहे एकमात्र क्रिकेट टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम उतरेगी तो यह विराट कोहली की आक्रामक कप्तानी की परीक्षा होगी।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद कोहली को पूर्णकालिक टेस्ट कप्तान बनाया गया। बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच धोनी के बगैर नये दौर की शुरुआत होगा जिसमें टीम के सदस्यों की औसत आयु 26 बरस है।

कोहली और बांग्लादेशी कप्तान मुशफिकर रहीम बुधवार को साहेब उस्मान अली स्टेडियम पर उतरेंगे तो पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने भी 15 साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ ही एक टेस्ट के जरिये पूर्णकालिक कप्तानी का आगाज किया था।

वह मैच ढाका के बंगबंधु स्टेडियम में खेला गया था। फर्क सिर्फ इतना है कि कोहली का यह बतौर कप्तान तीसरा टेस्ट होगा जबकि गांगुली ने उस मैच के जरिए कप्तानी में डेब्यू किया था। कोहली अपने चमकीले करियर के नए अध्याय का सूत्रपात करेंगे। यह उनकी कप्तानी की भी परीक्षा होगी। उन्हें तय करना होगा कि भारत छह बल्लेबाजों और चार गेंदबाजों और एक विशेषज्ञ विकेटकीपर के साथ उतरेगा या एक अतिरिक्त गेंदबाज को उतारा जाएगा।

कागजों पर यह मुकाबला बेमेल है चूंकि भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ सात में से छह टेस्ट जीते हैं जबकि चटगांव में 2007 में एक टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ रहा था। उसके बाद से हालांकि बांग्लादेशी क्रिकेटरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और विश्व कप में इंग्लैंड को हराकर अंतिम आठ में पहुंचे थे। इसके बाद पाकिस्तान को वनडे सीरीज में 3- 0 से हराया और एक टेस्ट ड्रॉ खेला।

इससे आम तौर पर उसे कमतर आंकने वाली विरोधी टीमों के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है। भारत के खिलाफ मुकाबला और भी दिलचस्प होगा क्योंकि बांग्लादेशी क्रिकेटप्रेमी विश्व कप क्वॉर्टर फाइनल में विवादित ‘नो बॉल’ को भूले नहीं है और उनका मानना है कि उसी की वजह से वे आगे नहीं बढ़ सके। तेज गेंदबाज रुबेल हुसैन की अगुवाई वाले बांग्लादेशी गेंदबाजों के लिये चुनौती आसान नहीं होगी। उनका सामना दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजी क्रम से है।

कोहली ने खुद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में चार शतक समेत 692 रन बनाए थे। केएल राहुल के नहीं खेलने से शिखर धवन को फायदा होगा जो अंतिम एकादश में अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे। लगातार खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें सिडनी टेस्ट से बाहर रहना पड़ा था। विश्व कप और आईपीएल में हालांकि उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। सिडनी में शतक जमाने वाले राहुल डेंगू से उबर रहे हैं जिससे धवन को टीम में जगह पुख्ता करने का मौका मिला है।

विरोधी टीम के पास ना तो जेम्स ऐंडरसन या स्टुअर्ट ब्रॉड जैसा स्विंग गेंदबाज है और ना ही मिशेल जॉनसन या मिशेल स्टार्क जैसा रफ्तार का सौदागर है लिहाजा धवन के लिए फॉर्म में लौटना आसान होगा। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले सेशन में शानदार प्रदर्शन करने वाले मुरली विजय पारी का आगाज करके उम्दा प्रदर्शन करना चाहेंगे।

वहीं, पिछले एक साल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले टेस्ट बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे अपना टेस्ट औसत बेहतर करने के प्रयास में होंगे। भारत यदि छह बल्लेबाजों के साथ उतरता है तो चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा दोनों खेल सकते हैं लेकिन आक्रामक कोहली चार गेंदबाजों को उतारने की धोनी की रणनीति ही अपनाए, यह जरूरी नहीं।

ऋधिमान साहा के लिए यह टेस्ट विकेटकीपर की जगह अपने लिए सुरक्षित करने का सुनहरा मौका है । पिछले पांच साल से धोनी के टीम में होने से उन्हें मौका नहीं मिला था। गेंदबाजी में सभी की नजरें हरभजन सिंह पर होगी जो दो साल बाद टीम में लौटे हैं। आर अश्विन के साथ मिलकर वह फिरकी का जादू बिखेरने की तैयारी में होंगे। तेज गेंदबाजी की कमान ईशांत शर्मा संभालेंगे जिनका साथ देने के लिये भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और वरुण आरोन होंगे।

बांग्लादेश के लिए रुबेल हुसैन की वापसी अच्छी खबर है लेकिन शहादत हुसैन घुटने के ऑपरेशन के कारण नहीं खेल सकेंगे। रन बनाने का जिम्मा तामिम इकबाल, मुशफिकर रहीम और शाकिब अल हसन पर होगा।

टीमें:

भारतः विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, ऋधिमान साहा, हरभजन सिंह, आर अश्विन, वरुण आरोन, उमेश यादव, ईशांत शर्मा, कर्ण शर्मा, भुवनेश्वर कुमार।

बांग्लादेशः मुशफिकर रहीम (कप्तान), तामिम इकबाल, अबुल हसन, इमरुल कायेस, जुबैर हुसैन, लिट्टन दास, मोहम्मद शाहिद, मोमिनुल हक, नासिर हुसैन, रुबेल हुसैन, शाकिब अल हसन, स्वागत होम, सौम्य सरकार, तैजुल इस्लाम, महमूदुल्लाह।

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