बरेली: 35 पीड़ित महिलाओं ने किया सरकार से ट्रिपल तलाक और हलाला को खत्म करने का आग्रह

बरेली
पिछले साल 22 अगस्त को भलेे ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को अवैध करार दिया हो और निकाह हलाला की कानूनी वैधता की पड़ताल करने वाला हो, लेकिन देश भर से रोज इनकी पीड़ित महिलाओं के केस सामने आ रहे हैं। सोमवार को बरेली में ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला की पीड़ित 35 महिलाओं ने सरकार से इन प्रथाओं को खत्म करने के लिए मजबूत कदम उठाने का आग्रह किया है।

बरेली निवासी एक पीड़ित सबीना ने भी सरकार से ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला के खिलाफ शख्त कदम की मांग की है। सबीना ने कहा, ‘इन तथाकथित परंपराओं से शरियत के नाम पर सिर्फ महिलाओं का शोषण होता है। मैंने प्राथमिकी दर्ज कराई है, हम न्याय चाहते हैं।’ सबीना को उसके पति साल 2011 में तलाक दे दिया था।

तलाक के कुछ ही महीने बाद पति ने सबीना का निकाह अपने पिता से करा दिया ताकि हलाला हो सके। हलाला के बाद पति ने सबीना से एक बार फिर शादी कर ली और साथ रहने लगा। लेकिन 2017 में सबीना के पति ने किसी बात पर हुए झगड़े को लेकर फिर तलाक दे दिया और एक बार फिर हलाला का दवाब बनाने लगा, जिसके बाद सबीना ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 22 अगस्त को दिए अपने फैसले में सदियों से चली आ रही इस इस्लामिक प्रथा को मनमाना और असंवैधानिक करार दिया था, जिसके बाद केंद्र की बीजेपी सरकार ने इसपर सख्त कानून बनाने की पहल की है। केंद्र सरकार तीन तलाक विधेयक को लोकसभा में पारित करवाने में कामयाब रही थी, लेकिन यह बिल अभी राज्यसभा में लंबित है। वहीं, आने वाले दिनों में शीर्ष अदालत निकाह हलाला प्रथा की कानूनी वैधता की भी पड़ताल करेगा।

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