बंजर भूमि पर किया था जेट एयरवेज के वाइस प्रेजिडेंट बेदी ने कब्जा

सनी चौधरी, गाजियाबाद
जीटी रोड स्थित चिकम्बरपुर में नगर निगम की करीब 1 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा करने व उसके कुछ हिस्से को बेचने के आरोप में साहिबाबाद पुलिस ने जेट एयरवेज में सिक्यॉरिटी विंग के वाइस प्रेजिडेंट कर्नल अवनीत सिंह बेदी को शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया। चर्चा के अनुसार जिस जमीन पर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है वह निगम के रेकॉर्ड में बंजर भूमि के रूप में दर्ज है। सूत्रों की मानें तो 20 जून को सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। रिपोर्ट में 10 से अधिक विभागों की करीब 84 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जे की बात सामने आई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागों ने स्थानीय थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई।

साहिबाबाद पुलिस ने कर्नल अवनीत सिंह बेदी को गिरफ्तार करके रविवार शाम एसीजेएम कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने कर्नल को जेल भेज दिया। वहीं, बेदी के वकील ने जमानत देने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने जमानत पर सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय की है। पुलिस भूमाफिया के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक 30 से अधिक रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी हैं।

9 लोगों पर है कब्जा करने का आरोप
जिस जमीन को लेकर अवनीत वेदी की गिरफ्तारी हुई है, उस पर कब्जे का आरोप 9 लोगों पर था। आरोपियों की सूची में अवनीत 9वें स्थान पर थे। यानी नगर निगम ने अपनी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले 8 अन्य लोगों को मुख्य आरोपी माना था। इस दौरान निगम ने सभी आरोपियों के खिलाफ उन धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस के तहत सभी आरोपियों को आसानी से जमानत मिल सकती थी। सूत्रों की मानें सभी आरोपियों में बेदी हाईप्रोफाइल हैं। इसी के चलते शनिवार को पुलिस तुरंत दबिश देने उनके दिल्ली स्थित घर पहुंची थी। मौके पर आरोपी पक्ष के लोगों की ओर से विडियो आदि बनाने पर पुलिस हरकत में आई और विवेचना का हवाला देते हुए एक के बाद एक कई संगीन धारा बढ़ा कर तुरंत बेदी का चालान कर दिया और उन्हें अरेस्ट कर लिया।

हर माह होती थी लाखों की कमाई
चिकम्बरपुर के जिस एरिया में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा होने की बात सामने आई है वह दिल्ली और यूपी की सीमा पर स्थित है। सूत्रों की मानें तो सामने से मेट्रो लाइन गुजर रही है। यहां जमीन की कीमत करोड़ों में है। सूत्रों की मानें तो जिस जमीन पर कब्जे का आरोप बेदी पर है, उसका हर महीने डेढ़ से 2 लाख रुपये किराया आता है।

58 साल बाद खुली निगम की नींद
आरोपी पक्ष के लोगों का दावा है 1959 में इस जमीन की रजिस्ट्री हुई थी और इसके दस्तावेज उनके पास हैं। पुलिस ने दस्तावेज नजरअंदाज करते हुए बेदी को गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले में निगम की लापरवाही भी नजर आ रही है। अगर जमीन पर अवैध कब्जा है तो ऐसे में सवाल उठता है कि 58 साल से एक के बाद एक जमीन का टुकड़ा सेल होता रहा, लेकिन तब निगम अधिकारी चैन से सोते रहे।

किस विभाग की कितनी जमीन पर कब्जा
जीडीए: 54.318
लोक निर्माण विभाग: 0.1470
फिशरी विभाग: 4.221
आवास विकास: 6.56
सामाजिक वानिकी: 1.95285
यूपीएसआईडीसी: 11.51
सिंचाई विभाग: 12.15
बिजली विभाग:0.118
(नोट – सभी आंकड़े सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर 20 जून 2017 को तैयार की गई सूची के आधार पर)

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