प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र, सरकार के पास नहीं आंकड़ा

नई दिल्ली
केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि शहर में प्रदूषण भले ही गंभीर रूप से उच्च स्तर पर है लेकिन दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के पास उसके द्वारा जारी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्रों (PUC) की संख्या के संबंध में कोई वार्षिक आंकड़ा नहीं है। अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही को लेकर अधिकारियों की खिंचाई करते हुए CIC ने अब विभाग को उसके द्वारा जारी PUC प्रमाणपत्रों का वार्षिक आंकड़ा तैयार करने और उसे जारी करने का निर्देश दिया है।

विभाग इस बात की पुष्टि करने के बाद यह प्रमाणपत्र देता है कि मोटर वाहन उत्सर्जन एवं प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा कर रहा है। इस साल 18 जनवरी को आरटीआई आवेदक दीपक जुनेजा ने परिवहन विभाग से दिल्ली में विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए जारी किए गए PUC प्रमाणपत्रों की संख्या तथा पेट्रोल, सीएनजी और डीजल PUC परीक्षण केंद्रों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी।

उन्होंने पिछले 5 वित्त वर्षों में परिवहन विभाग द्वारा एकत्रित कुल लाइसेंस फीस की भी सूचना चाही थी। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने आयोग में शिकायत दर्ज कराई। सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने कहा कि PUC प्रमाणपत्रों के संदर्भ में स्पष्ट प्रश्न एवं शाखा को सही आरटीआई सवाल करने के बाद भी आरटीआई कानून में निर्धारित तरीके के अनुसार प्रश्नों का निस्तारण करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

आजाद ने कहा कि इस खास मामले में उठाए गए मुद्दे की प्रासंगिकता का प्रभाव नागिरकों के कल्याण और उनके लिए रहने योग्य दशाओं के सृजन पर होगा। उन्होंने कहा कि जारी किए गए PUC प्रमाणपत्रों की संख्या पर वार्षिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। यह प्रश्न जाहिर है कि शहर पर इतना गंभीर रूप से असर डाल रहे भयंकर प्रदूषण और उसके नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग द्वारा किए जा रहे महती प्रयास के आलोक में क्या ऐसा आंकड़ा तैयार किया जाना अैर उसे प्रकाशित किया जाना चाहिए या नहीं।

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