पेट्रोल पम्प पर आप भी पकड़ लेंगे घटतौली, IIT कानपुर ने तैयार क‍िया ड‍िवाइस

कानपुर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के मैकेनिकल विभाग के पीएचडी स्कॉलर्स ने खास तरह की डिवाइस ‘फ्यूल क्वॉन्टिफायर’ बनाई है। इसकी मदद से आम आदमी भी पेट्रोल पम्प पर होने वाली घटतौली को आसानी से पकड़ लेगा।

डिवाइस बनाने वाले पीएचडी के स्कॉलर माधवराव लोंधे ने बताया कि यह देखने में कोन जैसी है। इसे कार, बाइक या अन्य किसी वाहन के फ्यूल टैंक में इस तरह लगाया जाएगा कि पेट्रोल या डीजल पम्प मशीन का नोजल डिवाइस के अंदर से होते हुए टंकी में जाएगा। डिवाइस को ब्लू-टूथ या फिर वाई फाई द्वारा मोबाइल फोन में डाउनलोड एक खास एप्लीकेशन से जोड़ा जाएगा। इसके बाद पेट्रोल-डीजल भरवाते ही उसकी रीडिंग कुछ ही पल में मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी।

करवाया पेटेंट
लोंधे ने बताया कि उन्होंने इस डिवाइस को एक अन्य पीएचडी छात्र महेंद्र कुमार गोहिल की मदद से मैकेनिकल विभाग के प्रो. नचिकेता तिवारी की देखरेख में तैयार किया है। इस डिवाइस के लिए ऐप भी लांच करने की तैयारी है। संस्थान ने इस शोध को पेटेंट करा लिया है। डिवाइस को और अपग्रेड करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इससे पेट्रोल-डीजल में मिलावट को भी पकड़ा जा सके।

कई पम्प चोरी कर रहे थे तेल
प्रदेश में 6745 पेट्रोल-डीजल पम्प हैं। पिछले दिनों एसटीएफ और ऑयल कंपनियों के अधिकारियों के छापों में 345 पम्पों पर ईंधन की चोरी पकड़ी गई थी। इनमें से अधिकतर अब भी बंद पड़े हैं।

ऐसे मापती है तेल

फ्यूल क्वॉन्टिफायर डिवाइस प्रति यूनिट टाइम के हिसाब से तेल मापती है। नोजल से टंकी में तेल जाने की गति चाहे तेज हो या फिर धीमी, उसका असर रीडिंग पर नहीं पड़ता। डिवाइस में कई सेंसर लगे हैं। सबसे पहले तेल मैग्‍नेटिक रोटर में जाता है। इसमें लगे ब्लेड घूमने लगते हैं और तेल की रीडिंग आने लगती है। डिवाइस की रीडिंग एकदम सही आती है, लेकिन सेंसर में गड़बड़ी होने पर कुछ अंतर आ सकता है। यह अंतर 1000 एमएल में 5 एमएल का हो सकता है।

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