पुलिस मालखाने में रद्दी हो रहे करोड़ों के पुराने नोट

नोएडा
सेक्टर-20 के पुलिस स्टेशन के मालखाने के इंचार्ज गुरुवार दोपहर लगभग 31 हजार रुपये की सीलबंद पुरानी करंसी लेकर सेक्टर-2 स्थित स्टेट बैंक में जमा कराने पहुंचे। यह रकम कोर्ट के आदेश पर सरकारी खाते में जमा कराई जानी थी। बैंकवालों ने इस रकम को यह कहकर जमा नहीं किया कि सरकारी खाते में 15 दिसंबर के बाद ओल्ड करंसी जमा नहीं कराई जा सकती। इसके लिए रिजर्व बैंक से आदेश लेने होंगे। ऐसे करोड़ों रुपये जिले के थानों के मालखानों में केस प्रॉपर्टी के रूप में सीलबंद रखे हैं।

लूटपाट की घटनाओं के बाद आरोपियों से बरामद रकम संबंधित थानों के मालखानों में जमा की जाती है। मालखाने के हेड मुहर्रिर की जिम्मेदारी होती है कि इस केस प्रॉपर्टी को केस का निपटारा होने तक सहेज कर रखें। ऐसी ही रकम थाना सेक्टर-20 में जमा हुई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिले के सभी पुलिस स्टेशनों में यह रकम 5 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। 15 दिसंबर के बाद सरकारी खाते में मालखाने की ऐसी सीलबंद रकम को तब तक ट्रेजरी में जमा नहीं किया जा सकता, जब तक कोर्ट इस तरह का आदेश जारी नहीं करता। जिस रकम को लेकर कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया, उसके बारे में भी लीगल एक्सपर्ट का कहना है कि इसके बारे में सभी पुलिस स्टेशनों के हेड मुहर्रिर को कोर्ट के संज्ञान में लाने की जरूरत है कि नोटबंदी के बाद यह परिस्थिति पैदा हो गई है और हमारे पुलिस स्टेशनों में इतनी रकम जमा है। तब कोर्ट जो आदेश करे उसके अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।

एसपी सिटी दिनेश यादव का कहना है कि यदि कोर्ट का आदेश है तो रकम ट्रेजरी में जमा कराई जाए तो बैंक उसे जमा करने से इनकार नहीं कर सकते। जहां कोर्ट का आदेश नहीं है ऐसी नकदी के बारे में अभी कोई निर्देश उनके पास नहीं है।

क्या कहते हैं अधिकारी और एक्सपर्ट

नियमानुसार ओल्ड करंसी 15 दिसंबर के बाद सरकारी खाते में जमा नहीं की जा सकती। यदि कोर्ट का आदेश है तो आदेश की कॉपी के साथ जिला पुलिस की तरफ से बैंक को मिलने वाले आवेदन को हम रिजर्व बैंक में कानूनी राय के लिए भेजेंगे, वहां से जो भी आदेश होगा उसके हिसाब से ऐक्शन लिया जाएगा। – अनुज जैन, एजीएम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-2

यह बात सही है कि अभी तक थानों में जब्त रकम को लेकर पुलिस को क्या करना है इसका निर्देश नहीं है। यह बात हमारे संज्ञान में दो दिन पहले आई है। हम इस पर गंभीर हैं और एक दो दिन में सरकार के समक्ष रेफर करेंगे। -देवाशीष पांडा, गृह सचिव, यूपी

सीलबंद कैश को सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ट्रेजरी में जमा कराया जा सकता है। यदि ऐसी कोई अन्य प्रापर्टी थानों में है तो इसे कोर्ट के संज्ञान में ले जाना पुलिस का काम है, अगर वह ऐसा नहीं करती तो इससे तकनीकी दिक्कतें पैदा होंगी। कोर्ट के आदेश के बावजूद यदि कोई बैंक जमा करने से इनकार करती है तो यह कोर्ट की अवमानना होगी। -अमित खेमका, ऐडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Uttar Pradesh News in Hindi, उत्तर प्रदेश समाचार, Latest UP Hindi News, उत्तर प्रदेश खबरें