पाकिस्तान से तनाव का भारत की इकॉनमी पर नहीं पड़ेगा असर

नई दिल्ली
भारत-पाकिस्तान के बीच इस दशक में संबंध अपने सबसे खराब दौर में हैं। दोनों देशों के बीच इस तनाव से हालांकि साउथ एशिया की इकॉनमी पर बहुत असर नहीं पड़ने वाला है। भारत के मुख्य शहरों में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। पीओके में घुसकर भारतीय सेना के सर्जिकल अटैक के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। भारत की ओर से सीमांत गांवों के लोगों को हटा दिया गया है।

रविवार की रात को भी आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के बारामूल में आर्मी कैंप पर हमला कर दिया। इस हमले का जवाब देते हुए सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया, जबकि बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हुआ है। यह पूरा घटनाक्रम बीते सप्ताह उड़ी में आर्मी बेस पर सीमा पार से आए आतंकियों के हमले के बाद शुरू हुआ है। इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।

इस हमले के जवाब में भारतीय सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने की खबरों के बाद शेयर मार्केट में गिरावट का रुख देखने को मिला। लेकिन, एनालिस्ट्स का मानना है कि इससे दुनिया की सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही इकॉनमी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच अलग-थलग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर प्रयास कर रहे हैं।

पॉलिटिकल रिस्क फर्म यूरेशिया ग्रुप में एशिया एनालिस्ट साशा राइजर-कोसित्सकी ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, ‘दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव से भारत की इकॉनमी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के लिए भारत का आकर्षण भी किसी तरह से कम नहीं होगा।’ कोसित्सकी ने कहा, ‘भारत की सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक उपाय करना ही पसंद करेगी। भारत की ओर से सैन्य ऐक्शन लेने की संभावना कम ही है, जिससे मार्केट हिल सकता है और कॉर्पोरेट इनवेस्टमेंट में कमी आ सकती है।’

भारत की 2.1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी एशिया में तीसरे नंबर पर है। ब्लूमबर्ग के सर्वे के मुताबिक आने वाले दिनों में भारतीय इकॉनमी अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पछाड़ देगी। भारत के बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से इनवेस्टमेंट जारी है। दक्षिण एशिया में चीन और अमेरिका के अपने व्यापारिक हित हैं। यहां किसी भी तरह का तनाव भारत और पाकिस्तान की इकॉनमी को नुकसान पहुंचाएगा। इसीलिए दोनों महाशक्तियों ने भारत-पाक से सीमा पर तनाव कम करने को कहा है।

ऐतिहासिक है दोनों देशों का बैर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति कोई नई बात नहीं है। 1947 में बंटवारे के बाद से दोनों देश अब तक तीन युद्ध लड़ चुके हैं। भारत की ओर से उड़ी अटैक के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक डीजीएमओ के उस बयान के बाद की गई, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर और भारतीय शहरों में हमलों की योजना बनाए जाने की सूचना है।

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